Lockdown 3.0: दूसरे गियर में ही चलेगा ऑटोमोबाइल सेक्टर, खर्च ने बढ़ा दी डीलरों की भविष्य की चुनौती Meerut News

Lockdown 3.0 भारी-भरकम खर्च और शून्य आमदनी से कारोबार जूझ रहा है। सस्ती कारों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Mon, 11 May 2020 05:37 PM (IST) Updated:Mon, 11 May 2020 05:37 PM (IST)
Lockdown 3.0: दूसरे गियर में ही चलेगा ऑटोमोबाइल सेक्टर, खर्च ने बढ़ा दी डीलरों की भविष्य की चुनौती Meerut News
Lockdown 3.0: दूसरे गियर में ही चलेगा ऑटोमोबाइल सेक्टर, खर्च ने बढ़ा दी डीलरों की भविष्य की चुनौती Meerut News

मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन की वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर के पहिए शोरूम में ही जाम हो गए, लेकिन उससे संबंधित खर्च ने डीलरों की भविष्य की चुनौती बढ़ा दी है। बैंक का ब्याज, रखरखाव का खर्च, स्टाफ का वेतन, शोरूम का किराया, बिजली बिल आदि ऐसा बोझ है कि आशंका है कि कुछ शोरूम संचालक बे-कार भी हो सकते हैं। उम्मीद है कि सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने से लोग बचेंगे, जिससे सस्ती कारों की बिक्री बढ़ेगी पर यह कब से होगा कहा नहीं जा सकता। क्योंकि पहले लोग अपनी जरूरतें पूरी करेंगे तब लग्जरी सुविधाओं की ओर ध्यान देंगे। अप्रैल-मई की शादियां हुई नहीं। नवंबर की शादियों की उम्मीद इस साल है नहीं, जिसका सीधा असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर पड़ेगा। अगर स्थिति सुधरने में वक्त लगेगा तो दिवाली भी शोरूम में खुलकर मिठाइयां नहीं बंटवा पाएगी। इस संबंध में प्रमुख कार डीलरों से बात की गई। उनका कहना है कि सरकार रियायतों का धक्का देकर उसे स्टार्ट करने में मदद कर सकती है। आइए जानते हैं किसने क्या कहा..

स्थिति अगर अभी ठीक हो जाए तो शायद दिवाली से उम्मीद की जा सकती है पर ऐसा लग नहीं रहा। ऐसे में यह साल तो ऐसे ही निकल जाएगा। गाड़ी तो लोग खुशी में खरीदते हैं। अब तो सभी लोग परेशान हैं। अगर कमाई भी शुरू होगी तो लोग पहले बचत पर ध्यान देंगे। अपनी भविष्य की स्थिति देखकर ही अब कोई बैंक कर्ज लेगा। हाल ही में कुछ शहरों में शोरूम खुले हैं। वहां पर कोई पूछताछ को फोन नहीं कर रहा, खरीदारी तो दूर की बात है। डर तो अब कई शोरूम के बंद होने का सता रहा है। कर्मचारियों को वेतन देने में सरकार सहयोग करे। अन्य रियायतें दे।

- विवेक गर्ग, अध्यक्ष, ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन मेरठ व निदेशक तान्या मोटर्स।

हजार लोगों को रोजगार देता यह सेक्टर

ब्याज तीन महीने बाद देने की जो राहत दी है उससे तो दोहरी मार पड़ेगी। समस्या तो बीएस-चार के वाहनों की बिक्री की भी है क्योंकि 90 फीसद कारें तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हिसाब से बिक नहीं सकतीं। उसका घाटा डीलर उठाएंगे और अब लॉकडाउन आ गया। सरकार कर्मचारियों को वेतन देने में आर्थिक सहयोग करे। बैंक ब्याज व बिजली फिक्स चार्ज माफ करे। सस्ती कारों की बिक्री की उम्मीद तो है पर जब लोग संभल पाएंगे तभी तो खरीदेंगे। ऐसा ही हाल रहा तो शोरूम बंद होने की कगार पर पहुंच जाएंगे।

- विश्व गुप्ता, डायरेक्टर, टाटा कार- वासु मोटर्स।

कारें औसतन मेरठ में बिकती रही हैं प्रतिमाह

- लाख से 5.25 लाख तक की कारें ज्यादा बिकती हैं

- गाड़ियों की कीमत 5.25 लाख से 25 लाख से ऊपर तक की है।

- एडवांस धनराशि व जीएसटी अदा करके कारें डीलर तक पहुंचती हैं।

- कीमत भले ही कंपनियां तय करती हैं पर खरीदी गई कार वापस लेती हैं न ही धनराशि वापस करती हैं।

- कारों की एसेसरीज पर जीएसटी काफी महंगा होता है यह 42 फीसद तक पहुंच जाता है।

- 150 से 200 तक कारें हमेशा डीलर के पास उपलब्ध रहती हैं। ऐसे में उसे खरीदने के लिए डीलर बैंकों से कर्ज लेते हैं।

- इस कर्ज का ब्याज डीलर को चुकाना होता है जो काफी हो जाता है।

- विभिन्न खर्च को मिलाकर एक बड़े डीलर को प्रतिमाह 50 लाख रुपये से एक करोड़ तक खर्च करने होते हैं।

ऐसे प्रभावित हो रहा ऑटोमोबाइल सेक्टर

- बिक्री भले ही न हो पर कारों का रखरखाव भी करना होता है।

- सर्विस से भी अच्छी आय होती है पर यह भी लंबे समय तक प्रभावित रहेगा।

- लॉकडाउन तक बैंक ब्याज माफ करे।

- बिजली बिल का फिक्स चार्ज माफ करे।

- कर्मचारियों को वेतन देने में सरकार भी सहयोग करे।

- जब लॉकडाउन खुले तब जीएसटी कम करे।

सरकार से यह चाहता है ऑटोमोबाइल सेक्टर

अक्टूबर से अप्रैल तक का सीजन होता है। इस बार यह सीजन ऐसे ही बीत गया। पहले लोग अपनी जरूरतों पर ध्यान देंगे फिर कार आदि खरीदने के बारे में सोचेंगे। शादियां टलने से बिक्री पर ज्यादा असर पड़ेगा। सरकार जीएसटी में रियायत देगी तो बिक्री सुधरेगी क्योंकि इसका फायदा कंपनी से लेकर खरीदार तक को मिलेगा।

- मसूद खान, सेल्स हेड, दास मोटर्स, आबूलेन

अभी ऑटोमोबाइल सेक्टर को संभलने में लंबा वक्त लगेगा। क्योंकि कार तो लग्जरी चीजों में है। इसलिए लॉकडाउन अगर पूरी तरह से खुल भी जाए तो भी बिक्री प्रभावित रहेगी। सरकार को चाहिए कि बैंक कर्ज का ब्याज माफ करे। बिजली व अन्य खर्च के बोझ से डीलर जूझ रहे हैं जिसके लिए सहायता दे।

- अजय भारद्वाज, जीएम सेल्स, मारुति कार- टीआर शावने मोटर्स

जब खास जरूरत होगी तभी कोई कार खरीदेगा। अब सिर्फ 30 फीसद बिक्री रह जाएगी लंबे समय तक। बहुत बड़ा असर इस सेक्टर पर पड़ेगा। शोरूम का किराया ही नहीं बैंक का ब्याज भी बहुत ज्यादा होता है। उसे चुकाने में ही हालत खराब हो जाएगी। क्योंकि कर्ज लेकर एडवांस देने के बाद ही कारें आती हैं। लॉकडाउन तक बैंक ब्याज माफ करे। बिजली का फिक्स चार्ज माफ करे।

- शलभ गुप्ता, निदेशक, समुंद्रा हुंडई 

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