5जी टावर लगा कर सिग्नल सुधारेगा बीएसएनएल

बोंबे बाजार स्थित चेंबर आफ कामर्स में नेशनल फेडरेशन आफ टेलीकाम इंपलाई यूनियन बीएसएनएल की परिमंडल कार्यकारिणी सभा का आयोजन हुआ। बीएसएनएल की आर्थिक दशा और दिशा पर चर्चा की गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Aug 2019 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 08 Aug 2019 06:21 AM (IST)
5जी टावर लगा कर सिग्नल सुधारेगा बीएसएनएल
5जी टावर लगा कर सिग्नल सुधारेगा बीएसएनएल

मेरठ, जेएनएन : बोंबे बाजार स्थित चेंबर आफ कामर्स में नेशनल फेडरेशन आफ टेलीकाम इंपलाई यूनियन बीएसएनएल की परिमंडल कार्यकारिणी सभा का आयोजन हुआ। बीएसएनएल की आर्थिक दशा और दिशा पर चर्चा की गई।

एनएफटीई बीएसएनएल के राष्ट्रीय महासचिव चंदेश्वर सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा बीएसएनएल की रिवाईवल के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की कहा कि पूरे देश में बीएसएनएल की नौ लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है। जिस पर निजी कंपनियों की निगाहें लगी हैं। जिस प्रकार झाड़ू बंधी हुई होती है तो सफाई के काम आती है उसी तरह ट्रेड यूनियन हैं अगर झाड़ू बिखर जाए तो कचरा हो जाती है। इसी तरह ट्रेड यूनियन तभी ताकतवर होगी जब इससे जुड़े कर्मचारी संगठित रहेंगे। मुख्य अतिथि दूरसंचार परिमंडल के मुख्य महाप्रबंधक एके बाजपेयी ने कहा कि कर्मचारियों को घबराने की जरूरत नहीं है, बीएसएनएल को देश की नंबर वन टेलीकाम कंपनी बनाने की दिशा तेजी से प्रयास किया जा रहा है। जिला सचिव प्रेम सागर तिवारी ने कहा कि सरकार बीएसएनल के नेटवर्क सुधारने के लिए जमीन बेचने की बात कह रही है। जमीन वही बेंची जानी चाहिए जो निष्प्रयोज्य है और मार्केट रेट पर बेची जानी चाहिए। इसमें 19 जिलों के जिला सचिव और अध्यक्ष और शाखा सचिव ने भाग लिया। प्रांतीय सचिव सोमपाल सैनी, बलराज तोमर, विकास गौतम आदि मौजूद रहे। शिवेश की स्कूली शिक्षा व आइआइटी की पढ़ाई रुड़की से नहीं हुई : मखमली देवी

मेरठ, जेएनएन : मेरठ में जन्मे शिवेश गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया व स्टार्टअप इंडिया से प्रेरित होकर ऑनलाइन साइंटिफिक सुपर मार्केट खोला है। शिवेश के बारे में दैनिक जागरण में 28 फरवरी 2018 को युवा जागरण पृष्ठ पर छपी खबर पर रुड़की के सिविल लाइंस की रहने वाली मखमली देवी का कहना है कि शिवेश की स्कूली शिक्षा रुड़की में नहीं हुई और न ही उन्होंने आइआइटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिग का कोर्स ही किया है। उनके राकेश गोयल नामक कोई चाचा रुड़की में नहीं रहते हैं। उनके पिता अरविंद कुमार गोयल रुड़की में नहीं, बल्कि हैदराबाद में रहते हैं। उनका व्यवसाय भी रुड़की से नहीं जुड़ा हुआ है। ज्ञातव्य है कि छपी जानकारी को जांचने पर पता चला कि शिवेश ने मैकेनिकल इंजीनियरिग का चार वर्षीय कोर्स हैदराबाद से किया था जो गलती से दो वर्षीय कोर्स आइआइटी रुड़की से किया प्रकाशित हो गया था। राकेश के चाचा राजेश गोयल हैं, जो आइआइटी रुड़की से नहीं बल्कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ रिसर्च इंस्टीट्यूट से उप-निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

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