एमएलसी चुनाव के बहाने मतदाताओं की नब्ज टटोलने निकलेगी भाजपा Meerut News

मेरठ में भाजपा अब विधानसभा चुनाव से पहले एमएलसी के चुनाव के माध्‍यम से वोटरों का नब्‍ज टटोलेगी। स्वतंत्रदेव सिंह की अगुआई में पार्टी किला फतह करने की व्यूह रचना कर चुका है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Mon, 16 Mar 2020 05:40 PM (IST) Updated:Mon, 16 Mar 2020 05:40 PM (IST)
एमएलसी चुनाव के बहाने मतदाताओं की नब्ज टटोलने निकलेगी भाजपा Meerut News
एमएलसी चुनाव के बहाने मतदाताओं की नब्ज टटोलने निकलेगी भाजपा Meerut News

मेरठ, जेएनएन। 2022 विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा विधान परिषद एवं पंचायत चुनावों के बहाने मतदाताओं की नब्ज टटोलेगी। विधान परिषद चुनावों में पहली बार उतरी भाजपा ने इसे प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है। प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल एवं प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह की अगुआई में पार्टी किला फतह करने की व्यूहरचना कर चुकी है।

पश्चिम की नब्ज समझते हैं श्रीचंद

हापुड़ में रविवार को प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने माना कि विधान परिषद चुनावों में जीत दर्ज कर पार्टी पंचायत चुनावों की जमीन तैयार कर सकती है। पार्टी ये सिलसिला मिशन-2022 तक जारी रखना चाहेगी। हाल में मेरठ में प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने एमएलसी चुनावों में जीत की रणनीति पर फोकस किया। पश्चिमी उप्र के नौ जिलों का राजनीतिक भुगोल पार्टी अपने पक्ष में मान रही है। शिक्षक वर्ग से मेरठ के ओमप्रकाश शर्मा आठ बार जीत हासिल कर चुके हैं, जिनकी घेरेबंदी में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने श्रीचंद शर्मा को मैदान में उतारा है, जो कार्यकर्ताओं के बीच सौम्य छवि रखते हैं। स्नातक वर्ग में दिनेश गोयल पर पार्टी ने दांव खेला है। हालांकि श्रीचंद शर्मा मेरठ महानगर के पूर्व प्रभारी रहने की वजह से भी लोगों के बीच गोयल की तुलना में ज्यादा पकड़ रखते हैं।

हर दस वोटरों पर एक कार्यकर्ता

बूथ एवं पन्ना प्रमुख की तर्ज पर भाजपा ने कालेज प्रमुख बनाया है। हर दस वोटरों पर एक कार्यकर्ता को तैनात कर दिया है। पार्टी चुनाव को अप्रैल के अंत में मानकर चल रही है। उधर, निर्दलीय लड़ रहे दिग्गज चेहरा ओमप्रकाश शर्मा के लिए इस चुनौती बड़ी है। भाजपा ने मान्यता प्राप्त कालेजों के शिक्षकों का वोट बनवाकर बड़ा दांव चला है। पार्टी ने करीब 22 हजार नए वोट बनवाए हैं, दस हजार का और लक्ष्य रखा गया है। शिक्षक वर्ग के लिए सपा से धर्मेद्र यादव मैदान में हैं। रणनीतिकारों की मानें भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती ओमप्रकाश शर्मा का लंबा सियासी अनुभव है कद है। हालांकि संघ से जुड़ी संस्था विद्या भारती के शिक्षक वर्ग में करीब ढाई हजार वोट बताए जा रहे हैं, जिससे भाजपा का मनोबल बढ़ेगा। आइटीआई व राजकीय शिक्षण संघ समेत कई संगठनों के समर्थन का दावा भी किया जा रहा है। 

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