CAA: नागरिकता कानून पर प्रदेशभर में छह रैलियां करेगी भाजपा Meerut News
15 से 26 जनवरी के बीच मेरठ में भाजपा की बड़ी रैली होंगी। संघ ने केंद्र एवं सरकार के मंत्रियों व प्रतिनिधियों के साथ बनाया रोडमैप।
मेरठ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में मचे घमासान के बीच संघ ने भाजपा को नया होमवर्क दिया है। संघ ने माधवकुंज स्थित कार्यालय में शनिवार को पश्चिमी उप्र के सभी केंद्र एवं राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों व विधायकों के अलावा संगठन के साथ बैठक की। कानून को लेकर अल्पसंख्यक समाज में व्याप्त भय दूर किया जाएगा। प्रदेशभर में छह रैलियां होंगी। पश्चिमी उप्र की रैली मेरठ में 15 से 26 जनवरी के बीच होगी। इससे पहले मुख्यालयों तक पदयात्र के बहाने जागरूकता बढ़ाने की योजना है।
माधवकुंज में शनिवार सुबह दस बजे से दिग्गजों का जमावड़ा लगने लगा। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, डा. संजीव बालियान, प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, चौ. भूपेंद्र सिंह, चेतन चौहान, राज्यमंत्री गुलाबो देवी, अनील शर्मा, डा. धर्मवीर सिंह सैनी समेत आधा दर्जन मंत्री पहुंच गए। प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सदस्य विजयपाल तोमर, कांता कर्दम, सुरेंद्र नागर समेत पश्चिमी उप्र के सभी विधायक भी पहुंच गए। संघ की प्रांतीय एवं विभागीय टीम के अलावा सभी अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया। संघ के प्रांत प्रचारक एवं क्षेत्रीय संघचालक ने दो सत्र में भाजपाइयों से संवाद किया। संघ पदाधिकारियों ने भाजपाइयों से एक पत्रक साझा किया, जिसमें सीएए और एनआरसी के बीच फर्क और इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी दी गई है।
15 तक संपर्क अभियान
संघ पदाधिकारियों ने भाजपाइयों एवं अनुषांगिक संगठनों से कहा कि वो समाज के सभी वर्गो के बीच पहुंचकर सीएए और एनआरसी को लेकर उभरे भ्रम को दूर करें। इस दौरान पार्टी एक जनवरी से 15 तक संपर्क अभियान चलाएगी। लोगों से संवाद के बहाने पार्टी विरोधियों के अभियान की धार कुंद करेगी। संघ ने प्रदेश में हिंसा, तोड़फोड़, आगजनी और विरोध प्रदर्शन पर भाजपाइयों से संतुलित बयान देने को कहा गया है। माना जा रहा है कि पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चे को भी होमवर्क देगी। पहले अनुसूचित वर्ग एवं बहुसंख्यक को कानूनी बारीकियों से रूबरू कराएगी, साथ ही अल्पसंख्यक समाज को भी साधेगी। पश्चिमी उप्र में अल्पसंख्यकों को जोड़कर देशभर में एक संदेश देने की कवायद है। साथ ही केंद्र सरकार के आगामी एजेंडों को लेकर भी मंथन किया गया।
मदनी की भी जांच जरूरी: डा. बालियान
मुजफ्फरनगर के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान काफी देर तक बोलने से बचते रहे, किंतु बाद में उन्होंने मौलाना महमूद मदनी पर हमला बोला। पूछा कि सीने पर गोलियां खाने की बात कहने वाले मदनी की भूमिका की जांच होनी चाहिए। आखिर किसके इशारे पर मदरसों से छोटे बच्चे प्रदर्शन में पहुंच गए। स्पष्ट किया कि बच्चों का दोष नहीं, लेकिन इसके पीछे किसका दिमाग है, इसकी जांच जरूरी हो गई है। हिंसक प्रदर्शन लोकतंत्र में अमान्य है।
बवाली तो उग्रवादी जैसे: चेतन चौहान
ज्यादातर दिग्गज नेता बोलने से कतराते नजर आए, वहीं प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान ने खुलकर बात की। कहा कि प्रदेश में हिंसा और बवाल करने वालों का चरित्र उग्रवादियों की तरह रहा। सरकार की मंशा किसी को निकालने की नहीं है, लेकिन अपने देश की सुरक्षा पहला धर्म है। कहा कि सीएए और एनआरसी को लेकर अल्पसंख्यकों को कतई भयभीत होने की जरूरत नहीं है।
मुस्लिमों के लिए कई देश, हिंदुओं के लिए कहां: वीके
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह बोलने से बचते रहे, किंतु अंत में चंद प्रश्नों का जवाब दिया। ये पूछने पर कि सीएए में मुस्लिमों को शामिल क्यों नहीं किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि उनके लिए कई इस्लामिक देश हैं। किंतु हिंदू समेत अन्य धर्मो के लोगों का आश्रय सिर्फ भारत हो सकता है।
लोकतंत्र में हिंसा का स्थान कहां: सुरेश राणा
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि भाजपा ने समाज के सभी वर्गो के लिए काम किया। विरोधियों के भड़काने पर कुछ लोग हिंसा पर उतर आए, जिसे प्रदेश सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। किसी निदरेष का उत्पीड़न भी नहीं होगा।