सात नलकूपों पर बिना क्लोरीनेशन कर दिया 13.93 लाख रुपये भुगतान, अब होगी कार्रवाई Meerut News

मेरठ शहर के सात नलकूपों पर क्लोरीनेशन नहीं होने का मामला प्रकाश में आया है और इसके लिए भुगतान भी कर दिया है। अब संबंधित फर्म पर कार्रवाई की जाएगी।

By Prem BhattEdited By: Publish:Mon, 17 Aug 2020 01:00 PM (IST) Updated:Mon, 17 Aug 2020 01:00 PM (IST)
सात नलकूपों पर बिना क्लोरीनेशन कर दिया 13.93 लाख रुपये भुगतान, अब होगी कार्रवाई Meerut News
सात नलकूपों पर बिना क्लोरीनेशन कर दिया 13.93 लाख रुपये भुगतान, अब होगी कार्रवाई Meerut News

मेरठ, जेएनएन। शहर के सात नलकूपों पर क्लोरीनेशन न होने का मामला प्रकाश में आया है। दिलचस्प है कि संबंधित फर्म को इसकी एवज में भुगतान हो चुका है। अब संबंधित फर्म के आगामी बिलों से 13.93 लाख की कटौती की जाएगी। महाप्रबंधक जलकल को पत्र लिखकर जल निगम के अधिशासी अभियंता ने मामले से अवगत कराया है।

संचालन गाजियाबाद की फर्म के जिम्‍मे

जल निगम यांत्रिकी के अधिशासी अभियंता अमित सहरावत ने पत्र में लिखा है कि नलकूपों पर क्लोरीन सप्लाई और क्लोरीनेटर संचालन का कार्य गाजियाबाद की फर्म मैसर्स पायनियर ड्रिलिंग कंपनी कर रही है। नगर निगम के अंतर्गत सर्किट हाउस, जटौली नंबर-दो, कंचनपुर घोपला नंबर-2, खड़ौली, पांडवनगर नलकूप नंबर-2, रोशनपुर, शास्त्रीनगर ए ब्लाक पुराना आदि पर क्लोरीनेशन का कार्य नहीं किया गया है। इसके पीछे फर्म का तर्क है कि यह नलकूप प्रयोग में नहीं लाए गए, क्योंकि ये खराब पड़े हैं। साथ ही फर्म ने ठेके की अनुबंध की दरें बढ़ाने के लिए जल निगम को पत्र लिखा है। इसके पीछे फर्म का तर्क है कि डीजल महंगा होने के कारण व्यवस्था सुचारु रखने में परेशानी हो रही है।

बिना जांच कर दिया भुगतान

पत्र में बताया गया कि फर्म को अप्रैल 2019 से जून 2020 तक क्लोरीनेशन और संचालन की मद में भुगतान हो चुका है। ऐसे में सात नलकूपों के क्लोरीनेशन न होने के एवज में अब फर्म के अग्रिम बिलों से 13.93 लाख धनराशि की कटौती करने की बात जल निगम यांत्रिकी के अधिशासी अभियंता ने की है। इससे स्पष्ट है कि नलकूपों की व्यवस्था का परीक्षण किए ही भुगतान किया जा रहा है।

इनका कहना है

सातों नलकूपों का निरीक्षण किया जाएगा। आखिर नलकूप प्रयोग में क्यों नहीं लाए जा रहे हैं। खराब हैं, तो मेंटीनेंस क्यों नहीं किया गया। बिना देखे किस आधार पर क्लोरीनेशन के एवज में फर्म को भुगतान कर दिया गया। अगर लापरवाही मिली तो संबंधित फर्म पर बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

- रतनलाल, महाप्रबंधक, जलकल।

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