Weather Alert: अल नीनो हुआ सक्रिय,मानसून को भी करेगा प्रभावित
मानसून को प्रभावित करने वाला अल नीनो इस समय अच्छी खासी तीव्रता पर है। अल नीनो के कारण इस बार मानसून के प्रभावित रहने के आसार हैं।
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाला अल नीनो इस समय अच्छी खासी तीव्रता पर है। दो माह जब मानसून सीजन आरंभ होगा उस समय इसके प्रभाव के आधार भारतीय मौसम विभाग ने सामान्य से चार प्रतिशत कम और निजी मौसम एजेंसी ने सात प्रतिशत कम बारिश की भविष्यवाणी की है।
तीव्रता 80 फीसद तक पहुंचेगी
अल नीनो का सूचकांक वर्ष 2019 की शुरुआत से बढ़ रहा है। अप्रैल और मई में इसकी तीव्रता का प्रतिशत 80 तक पहुंच जाएगा। लेकिन मौसम विभाग के अनुसार जून से इसमें गिरावट शुरु होगी। मेरठ में 30 जून से मानसून सीजन का आगाज होता है। उस समय तक इसके 60 प्रतिशत तक प्रभावी होने की संभावना है। सर्दियों में भी यह 50 प्रतिशत तक असरकारी रहेगा।
इस तरह बढ़ रहा अल नीनो का प्रभाव
अल नीनो पेरु से सटे प्रशांत सागर की सतह के तापमान परिवर्तन से विकसित होने वाला मौसमीय घटना है। जब-जब प्रशांत महासागर समुद्र की सतह एक सीमा से अधिक गर्म होनी आरंभ होती है तब-तब अल नीनो सक्रिय होता है। गत वर्ष समुद्र की सतह अपेक्षा ठंडी थी और ला नीना सक्रिय था। मानसूनी बारिश भी अच्छी हुई थी। अल नीनो भारत सहित विश्व के अनेक देशों के मौसम को प्रभावित करता है। आस्ट्रेलिया सहित विश्व मौसम संगठन और भारतीय मौसम विभाग इस पर पैनी नजर रखता है।
मानसून होता है प्रभावित
स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिक डा.महेश पलवत ने बताया कि भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाला सूचकांक 3.4 होता है। विगत आठ सप्ताह से 3.4 का इंडेक्स 0.9 पर बना हुआ है। यह समुद्र की सतह के बढ़े हुए तापमान को दर्शाता है। 0.5 के ऊपर होते ही अल नीनो को सक्रिय मान लिया जाता है। अल नीनो के प्रभाव से समुद्र की सतह से गर्म हवाएं जब भारतीय उप महाद्वीप पर पहुंचती हैं तो मानसून को प्रभावित करती हैं। महेश पलवत ने बताया कि जून, जुलाई और अगस्त में अल नीनो की सक्रियता 60 प्रतिशत रहेगी। जिससे स्पष्ट है कि वह भारतीय मानसून को प्रभावित करेगा। मानसून 93 प्रतिशत रहेगा। कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि मौसम विभाग ने इस बार सामान्य बारिश अर्थात 96 प्रतिशत मानसून रहने की भविष्यवाणी की है।
चुनाव वाले क्षेत्रों में शुष्क रहेगा मौसम
पश्चिम उत्तर प्रदेश के मतदान वाले क्षेत्र नगीना,अमरोहा,बुलंदशहर,मथुरा आदि इलाकों में मौसम शुष्क रहेगा। अधिकतम तापमान 35 डिग्री रहने के आसार हैं।
तीव्रता 80 फीसद तक पहुंचेगी
अल नीनो का सूचकांक वर्ष 2019 की शुरुआत से बढ़ रहा है। अप्रैल और मई में इसकी तीव्रता का प्रतिशत 80 तक पहुंच जाएगा। लेकिन मौसम विभाग के अनुसार जून से इसमें गिरावट शुरु होगी। मेरठ में 30 जून से मानसून सीजन का आगाज होता है। उस समय तक इसके 60 प्रतिशत तक प्रभावी होने की संभावना है। सर्दियों में भी यह 50 प्रतिशत तक असरकारी रहेगा।
इस तरह बढ़ रहा अल नीनो का प्रभाव
अल नीनो पेरु से सटे प्रशांत सागर की सतह के तापमान परिवर्तन से विकसित होने वाला मौसमीय घटना है। जब-जब प्रशांत महासागर समुद्र की सतह एक सीमा से अधिक गर्म होनी आरंभ होती है तब-तब अल नीनो सक्रिय होता है। गत वर्ष समुद्र की सतह अपेक्षा ठंडी थी और ला नीना सक्रिय था। मानसूनी बारिश भी अच्छी हुई थी। अल नीनो भारत सहित विश्व के अनेक देशों के मौसम को प्रभावित करता है। आस्ट्रेलिया सहित विश्व मौसम संगठन और भारतीय मौसम विभाग इस पर पैनी नजर रखता है।
मानसून होता है प्रभावित
स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिक डा.महेश पलवत ने बताया कि भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाला सूचकांक 3.4 होता है। विगत आठ सप्ताह से 3.4 का इंडेक्स 0.9 पर बना हुआ है। यह समुद्र की सतह के बढ़े हुए तापमान को दर्शाता है। 0.5 के ऊपर होते ही अल नीनो को सक्रिय मान लिया जाता है। अल नीनो के प्रभाव से समुद्र की सतह से गर्म हवाएं जब भारतीय उप महाद्वीप पर पहुंचती हैं तो मानसून को प्रभावित करती हैं। महेश पलवत ने बताया कि जून, जुलाई और अगस्त में अल नीनो की सक्रियता 60 प्रतिशत रहेगी। जिससे स्पष्ट है कि वह भारतीय मानसून को प्रभावित करेगा। मानसून 93 प्रतिशत रहेगा। कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि मौसम विभाग ने इस बार सामान्य बारिश अर्थात 96 प्रतिशत मानसून रहने की भविष्यवाणी की है।
चुनाव वाले क्षेत्रों में शुष्क रहेगा मौसम
पश्चिम उत्तर प्रदेश के मतदान वाले क्षेत्र नगीना,अमरोहा,बुलंदशहर,मथुरा आदि इलाकों में मौसम शुष्क रहेगा। अधिकतम तापमान 35 डिग्री रहने के आसार हैं।