सास लेने लायक नहीं है हवा मास्क बचाएगा आपकी जान

एनसीआर में वायु प्रदूषण और कोरोना का दोहरा आक्रमण है। फेफड़े बेहद संवेदनशील और नाजुक अंग हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 07:48 AM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 07:48 AM (IST)
सास लेने लायक नहीं है हवा मास्क बचाएगा आपकी जान
सास लेने लायक नहीं है हवा मास्क बचाएगा आपकी जान

मेरठ, जेएनएन। एनसीआर में वायु प्रदूषण और कोरोना का दोहरा आक्रमण है। फेफड़े बेहद संवेदनशील और नाजुक अंग हैं। इन्हें रोजाना पाच गुना विषाक्त हवा का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में सबसे प्रदूषित हवा मेरठ मंडल में बह रही है। यहां पीएम2.5 की मात्रा एनसीआर के कई शहरों से ज्यादा है। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने 52 टीमें निगरानी के लिए नियुक्त की हैं। इन टीमों की नजर अब तक मेरठ में बढ़ रहे प्रदूषण पर नहीं पड़ी है। विशेषज्ञों ने बताया है कि मास्क जहा कोरोना से बचाएगा, वहीं पार्टीकुलेट मैटर को फेफड़ों में जाने से भी रोकेगा।

गाजियाबाद के पर्यावरण वैज्ञानिक डा. एसके त्यागी ने बताया कि एनसीआर में सड़कों की धूल, कंस्ट्रक्शन कारोबार, औद्योगिक इकाइया, पुराने वाहन, कचरों को जलाने एवं फसलों को जलाने से हवा खराब हो रही है। सíदयों में हवा की गति मंद पड़ने से प्रदूषित कण बिखर नहीं पाते हैं। ऐसे में सास की परत में आकर लोगों को बीमार बनाने लगते हैं। लाकडाउन के बाद औद्योगिक इकाइया पूरी रफ्तार से चल पड़ी हैं। इससे वायु प्रदूषण बढ़ेगा। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक सप्ताहभर से गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर, बागपत और मेरठ में एक्यूआइ 300 से ज्यादा बनी हुई है, खतरनाक सूक्ष्म कण यानी पीएम 2.5 की उच्चतम मात्रा 400 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई है। यह निर्धारित मानक 60 से करीब सात गुना है।

प्रदूषित शहरों का आकड़ा

शहर एक्यूआइ पीएम2.5 की उच्चतम मात्रा

लखनऊ 361 500

बुलंदशहर 344 454

गाजियाबाद-लोनी 338 442

मेरठ-पल्ल्वपुरम 333 411

नोएडा 324 413

बागपत 306 415

मुजफ्फरनगर 257 360

इन्होंने कहा:::

प्रदूषित हवा का असर मरीजों पर नजर आने लगा है। खासी, गले में दर्द, नाक की एलर्जी और सास फूलने के लक्षण मिल रहे हैं। पीएम2.5 और पीएम10 से सास की नलिकाओं में सूजन बनती है। ये रासायनिक कण जेनेटिक बदलाव कर कई अन्य खतरनाक बीमारिया बना सकते हैं। मास्क लगाने से कोरोना व प्रदूषण दोनों से बचाव मिलेगा।

डा. सुमित उपाध्याय, नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ

chat bot
आपका साथी