'मंच पर माला न पहनाइये, विहार में भी साथ चलिए'
मेरठ : क्रांतिकारी संत जैनमुनि तरुण सागर महाराज ने रविवार को अपने 'कड़वे प्रवचनों' से समाज में फैली क
मेरठ : क्रांतिकारी संत जैनमुनि तरुण सागर महाराज ने रविवार को अपने 'कड़वे प्रवचनों' से समाज में फैली कुरीतियों पर हमला किया। उन्होंने विदेशी व देशी सभ्यता का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए एकल परिवार व्यवस्था को समाज के लिए घातक बताया। समाज में नेतागिरी करने वालों पर भी प्रहार किया। बोले, मुनियों को नमोस्तु कहकर पल्ला न झाड़ें श्रावक। मंच पर संत को माला पहनाकर, फोटो खिंचवाकर काम नहीं चलेगा। समाज को बदलना है और बच्चों को अच्छे संस्कार देने हैं तो संतों का संग रखो, उनके साथ विहार करो।
क्रांतिकारी संत जैनमुनि तरुण सागर महाराज ने रविवार को कंकरखेड़ा से जीरो माइल्स, बेगमपुल, पीएल शर्मा रोड से विहार कर असौड़ा हाउस जैन मंदिर वेस्टर्न कचहरी रोड पर प्रवेश किया। जगह-जगह मुनिश्री का बैंड-बाजे, नपीरी पर मंगलगीत गाते हुए पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। शहर में अनेक स्थानों पर तोरणद्वार सजाए गए। श्रद्धालुओं ने गुरुवर का आशीष लिया और प्रसाद वितरित किया। स्वागत अध्यक्ष कमल जैन, नवीन जैन, मुख्य अतिथि अमित जैन, चित्रानवरण पूनम जैन, पाद प्रक्षालन विपिन जैन, आरती जितेंद्र जैन, शास्त्र भेंट मुकेश जैन ने किया।
जैनमुनि ने हाल में दुर्घटना में मारी गयी तीन साध्वियों के असमायित मौत पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि साधु-साध्वी समाज की धरोहर हैं। इनकी सार-संभाल करना श्रावक का धर्म है। आहार-विहार की व्यवस्था श्रावक का श्रेष्ठ कर्म है। मुनियों को केवल नमोस्तु बोलकर अपने कर्तव्यों से पल्ला ना झाड़िए, उनके साथ विहार में भी चलिए। मुनिश्री ने कहा कि केवल मंच पर माला पहनाने, फोटो खिंचवाने की नेतागिरी से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि अपनी मुस्कान प्राकृतिक बनाए रखो। सेल्फी या फोटो वाली नहीं, इसमें तो हर कोई मुस्कुराता है। प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि शाम को सामुहिक आरती व गुरुभक्ति कार्यक्रम हुआ। सुरेश जैन रितुराज, राकेश जैन, प्रमोद जैन, शौर्य जैन, कपिल जैन, रमेश जैन, संजय जैन, लक्की जैन, मनोज जैन, राजेंद्र कुमार जैन आदि का सहयोग रहा।