दवाओं में नैनो टेक्नोलॉजी के योगदान पर चर्चा

By Edited By: Publish:Sun, 20 Apr 2014 01:57 AM (IST) Updated:Sun, 20 Apr 2014 01:57 AM (IST)
दवाओं में नैनो टेक्नोलॉजी के योगदान पर चर्चा

मेरठ : शोभित यूनिवर्सिटी में शनिवार को 'रीसेंट ट्रेंड्स एंड इनोवेशंस इन नैनो बायोटेक्नोलॉजी' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें नैनो जैव प्रौद्योगिकी के मूलभूत पहलुओं व अनुप्रयोगों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता आइआइटी-दिल्ली के बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के प्रमुख प्रो. प्रशांत मिश्रा, आइआइटी रुड़की के डा. हरमीत सिंह व शोभित विवि के कुलपति प्रो. आरपी अग्रवाल व जैव प्रोद्योगिकी की समन्वयक डा. रेखा दीक्षित ने दीप जलाकर किया।

शनिवार को आयोजित कार्यशाला के संयोजक राशि अग्रवाल व प्रो. आरपी अग्रवाल ने नैनो जैव प्रौद्योगिकी के वर्तमान अनुसंधान विषयों की विस्तृत रेंज को प्रस्तुत किया। डा. प्रशांत मिश्रा ने प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्र बायोमटिरियल्स, मैग्नेटोसोम्स, कृत्रिम रेटिना, प्रोटीन इंजीनियरिंग और नैनोपार्टिकल्स का ड्रग डिलीवरी में योगदान संबंधित रोचक जानकारी दी। उन्होने कहा कि नैनोमेडिसिन से ही लाइलाज बीमारियों का समाधान संभव है। कार्यशाला के तकनीकी सत्र में डा. रेखा दीक्षित, ज्योति शर्मा और कनिका ने नैनोपार्टिकल्स बनाने की विधि को प्रयोगशाला में समझाया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि शोभित विवि, गंगोह के कुलपति डा. डीवी राय रहे। इस दौरान डा. आरजी सिंघल, योगेश अवस्थी, विजय माहेश्वरी व आदित्य पुंडीर आदि मौजूद रहे।

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