COVID-19: मरीजों से पहले किए जाएंगे 10 सवाल, फिर इलाज करेंगे डॉक्टर Meerut News

COVID-19 अस्पतालों में मरीजों को इलाज से पहले उन्हें 15 दिन की ट्रैवल हिस्ट्री सर्दी-खांसी बुखार के साथ ही शुगर एवं बीपी की बीमारी की भी जानकारी पत्रक में भरनी पड़ेगी।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 07 Apr 2020 04:00 PM (IST) Updated:Tue, 07 Apr 2020 04:00 PM (IST)
COVID-19: मरीजों से पहले किए जाएंगे 10 सवाल, फिर इलाज करेंगे डॉक्टर Meerut News
COVID-19: मरीजों से पहले किए जाएंगे 10 सवाल, फिर इलाज करेंगे डॉक्टर Meerut News

मेरठ, जेएनएन। COVID-19 संक्रमण का असर चिकित्सा की दुनिया में उभरना शुरू हो गया है। अस्पतालों में मरीजों को इलाज से पहले उन्हें 15 दिन की ट्रैवल हिस्ट्री, सर्दी-खांसी, बुखार के साथ ही शुगर एवं बीपी की बीमारी की भी जानकारी पत्रक में भरनी पड़ेगी। क्लीनिकों में शारीरिक दूरी मेंटेन नहीं हो सकती, लिहाजा 10-10 के ग्रुप में मरीजों को बुलाया जाएगा। मरीज को दो बार सैनिटाइज किया जाएगा, ताकि पैरामेडिकल स्टाफ भी सुरक्षित रहे। इस बार वर्ल्‍ड हेल्थ डे की थीम भी नर्सो एवं पैरामेडिकल की सुरक्षा करना है।

दो महीने तक चल सकती है चेन

मेरठ के कई अस्पतालों ने इमरजेंसी वार्ड में भी मरीजों की हिस्ट्री लेना शुरू कर दिया है। आइएमए का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण की चेन दो माह तक चल सकती है। डाक्टरों ने माना कि क्लीनिकों पर मरीजों की भीड़ संक्रमण की बड़ी वजह बन सकती है। ऐसे में उनकी स्क्रीनिंग कर संबंधित चिकित्सकों के पास भेजा जाएगा। क्लीनिक में एक बार में सिर्फ एक मरीज जाएगा। उसे मास्क पहनना होगा और हाथ सेनिटाइज किए जाएंगे। निकलने के बाद फिर सैनिटाइज अनिवार्य होगा।

अब डाक्टर भी बचाएंगे अपनों की सेहत

- छीपी टैंक, बच्चा पार्क, इब्ज चौराहा, इंदिरा चौक, गढ़ रोड से लेकर बेगमपुल तक ज्यादातर अस्पताल एवं क्लीनिक हैं। जिले में 237 क्लीनिक एवं अस्पताल हैं।

- ज्यादातर क्लीनिक लगभग 15 वर्गफुट क्षेत्रफल में बने हैं। शारीरिक दूरी के मानक के मुताबिक तीन से चार मरीज ही इनमें बैठ सकते हैं। ऐसे में कम मरीजों को बुलाया जाएगा। एक मरीज को 30 मिनट तक समय मिलेगा।

- डाक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ सर्वाधिक रिस्क में हैं। क्लीनिक में भीड़ से कोरोना, सामान्य इन्फ्लुएंजा, स्वाइन फ्लू और टीबी समेत कई विषाणुजनित बीमारियों से संक्रमण की आशंका है। इससे बचाव होगा।

इनका कहना है

देशभर में अब तक 60 से ज्यादा मेडिकलकर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। क्लीनिकों में भीड़ से बचना होगा। दस प्रश्नों का एक पत्रक भरवाकर मरीजों की स्क्रीनिंग होगी। चेंबर में सिर्फ एक मरीज जाएगा।

- डा. एनके शर्मा, अध्यक्ष, आइएमए

खांसी और बुखार के मरीज खुद भी ध्यान रखें। चिकित्सक के संपर्क में रहें। संक्रमित मरीजों के मुंह से निकले ड्रापलेट और एरोसोल से 28 फुट तक वायरस पहुंचता है। क्लीनिकों का आकार छोटा है। कोविड-19 समेत अन्य संक्रमण का खतरा है। क्लीनिकों में मरीजों की हिस्ट्री लेने के बाद ही इलाज किया जाएगा।

- डा. वीके बिंद्रा, वरिष्ठ फिजीशियन 

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