गांवों में छिड़काव के लिए आया धन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट

डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए हर वर्ष स्वास्थ्य समिति के खाते में आने वाले धन की बंदरबांट हो रही है। इसके चलते ग्राम पंचायतों में फागिग महज कागजों में हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 05:46 PM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 05:46 PM (IST)
गांवों में छिड़काव के लिए आया धन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट
गांवों में छिड़काव के लिए आया धन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट

जागरण संवाददाता, खुरहट (मऊ) : डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए हर वर्ष स्वास्थ्य समिति के खाते में आने वाले धन की बंदरबांट हो रही है। इसके चलते ग्राम पंचायतों में फागिग महज कागजों में हो रही है। इस कारण प्रत्येक वर्ष डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को शासन की ओर से बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन विभागीय अधिकारी भी जमीन के बजाय सिर्फ कागजों में ही दायित्व निर्वहन कर रहे हैं।

रानीपुर ब्लाक अंतर्गत पलियां ग्राम पंचायत में पूर्व या वर्तमान प्रधान के समय आज तक ग्राम पंचायत में मच्छर मार दवा का छिड़काव एक बार भी नहीं हो सका है।इससे मच्छर जगह-जगह नाली, नाबदान वह गड्ढों में रहने का अड्डा बना लिए हैं। मच्छरों के आतंक से लोगों का जीना हराम हो गया है। इस संबंध में गांव के लोगों ने संबंधित अधिकारियों व इसके जिम्मेदार लोगों से शिकायत की लेकिन उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा हैं। गांव के मनोज सिंह, संदीप सिंह, मुन्ना सिंह, अजय सिंह, उदल ने बताया कि चाहे वर्तमान कार्यकाल हो या पूर्व प्रधान का आज तक किसी ने मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव किया ही नहीं और शासन द्वारा आया धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।

यह है प्राविधान

शासन से आए दस हजार रुपये में फागिग मशीन खरीदने के बाद ग्राम प्रधान को जिला मलेरिया अधिकारी को बिल प्रस्तुत करना होता है। इसके बाद गांव में मच्छरों को मारने के लिए फागिग कराया जाता है। इस योजनांतर्गत प्राविधान है कि यदि गांव में कोई भी मरीज डेंगू का पाया गया तो इसका जिम्मेदार ग्राम प्रधान होगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं ग्राम प्रधान को उस मरीज के उपचार का पूरा खर्च उठाना होगा। 

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