प्राइमरी के छात्र तय करेंगे हेडमास्टर का भविष्य

जिस कक्षा का छात्र उसी के अनुरूप होना चाहिए शैक्षिक गुणवत्ता का स्तर - बीईओ की अनुमति के बाद ही बीएसए से मिल सकेंगे शिक्षक - मुख्यमंत्री के फरमान के बाद बीएसए ने जारी की गाइड लाइन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Jul 2019 07:15 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jul 2019 06:25 AM (IST)
प्राइमरी के छात्र तय करेंगे हेडमास्टर का भविष्य
प्राइमरी के छात्र तय करेंगे हेडमास्टर का भविष्य

सुशासन ..

सबहेड : कक्षा के अनुरूप होंगे छात्र, मापे जाएंगे शैक्षिक गुणवत्ता के स्तर

- बीईओ की अनुमति के बाद ही बीएसए से मिल सकेंगे शिक्षक

- मुख्यमंत्री के फरमान के बाद बीएसए ने जारी की गाइड लाइन

जागरण संवाददाता, मऊ : सूबे में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्री-डिप्लोमा के आधार पर नौकरी हथियाने वाले शिक्षकों के पकड़े जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राइमरी में पठन-पाठन के स्तर को सुधारने के लिए कड़े फरमान जारी किए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने यदि सीएम के फरमान का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया तो बुनियादी शिक्षा में बदलाव आते देर नहीं लगेगी। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों एवं प्रधानाध्यापकों को मुख्यमंत्री की बैठक में निकलकर आए निर्णयों पर 21 बिदुओं का सर्कुलर जारी करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने कहा कि प्रत्येक कक्षा के छात्र की शैक्षिक गुणवत्ता का स्तर उसी कक्षा के अनुरूप नहीं मिला तो सीधे प्रधानाध्यापक जिम्मेदार होंगे।

प्रत्येक प्रधानाध्यापक को यह सुनिश्चित करना होगा कि विद्यालय साफ-सुथरा हैं और बच्चों के लिए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता है। मिशन पहचान के तहत प्रत्येक विद्यालय में छात्रों से प्रतिदिन हिदी व अंग्रेजी में छात्रों का हस्ताक्षर कराया जाना अनिवार्य होगा। यदि कोई भवन जर्जर है तो उसकी मरम्मत कराने अथवा उसे ध्वस्त कराने के लिए कार्रवाई पहले ही कर लेनी होगी। विद्यालय में जितने भी शिक्षक कार्यरत हैं उनकी सूची फोटोग्राफ सहित कार्यालय के सूचना पट्ट के पास लगी होनी चाहिए। बीएसए ओपी त्रिपाठी ने बुधवार को सभी खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठक कर यह बता दिया कि मुख्यमंत्री की सख्त हिदायत है कि विद्यालयी अवधि में कोई भी प्रधानाध्यापक, शिक्षामित्र अथवा अनुदेशक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय अथवा बीईओ कार्यालय नहीं जाएंगे। यदि कोई आवश्यक कार्य है तो अवकाश लेकर एवं बीईओ की अनुमति के बाद ही बीएसए से मिल सकेंगे। इसके अलावा सार्वजनिक अवकाश पर विद्यालय बंद होने के एक दिन पूर्व विद्यालय के बंद होने के प्रयोजन व महत्व के बारे में छात्रों को गोष्ठी आयोजित कर जरूर बताया जाए। प्रत्येक हेडमास्टर को शैक्षिक कलेंडर का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा और भी कई बिदु हैं, जिसे लेकर सर्कुलर जारी किया गया है। बीएसए ने कहा कि निरीक्षण में यदि निर्देशों के अनुपालन में लापरवाही पाई जाती है तो प्रधानाध्यापक सीधे तौर पर इसके जिम्मेदार माने जाएंगे।

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