प्राथमिक शिक्षा में नई क्रांति के नायक बने सतीश

प्रदेश के बेसिक शिक्षा निदेशक ने माना इनकी प्रतिभा का लोहा - प्रतिष्ठित पत्रिका में लिखे लेख में किया मऊ के सतीश का जिक्र - रकौली प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक हैं सतीश कुमार ¨सह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Nov 2018 06:13 PM (IST) Updated:Sat, 10 Nov 2018 10:18 PM (IST)
प्राथमिक शिक्षा में नई क्रांति के नायक बने सतीश
प्राथमिक शिक्षा में नई क्रांति के नायक बने सतीश

जागरण संवाददाता, मऊ : जिले के परदहां शिक्षा क्षेत्र के रकौली प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सतीश कुमार ¨सह की पहचान सूबे में अब एक ऐसे शिक्षक के रूप में बन चुकी है, जिसने समाज के समन्वय और अपनी प्रतिभा से न सिर्फ अपने विद्यालय का कायाकल्प किया है, बल्कि प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा को सकारात्मक बदलाव की एक नई दिशा दी है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम ¨सह ने बेसिक शिक्षा पर हाल ही में लिखे अपने एक लेख में प्रधानाध्यापक सतीश ¨सह को सूबे की प्राथमिक शिक्षा के लिए नई क्रांति के नायक के तौर पर प्रस्तुत किया है। इससे जिले भर के प्राथमिक शिक्षकों एवं शिक्षाधिकारियों में खुशी की लहर है।

अपने लेख में बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम ¨सह ने लिखा है कि सरकारी स्कूलों में नामांकन पिछले कई सालों से लगातार गिरता रहा है। 2016 में ही 10 लाख बच्चे कम हो गए। कहा कि वर्ष 2017 में छात्र नामांकन में गिरावट थम गई। बच्चों की संख्या में दो लाख का इजाफा हुआ तो इसमें सतीश कुमार ¨सह जैसे प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों का बड़ा योगदान है, जिन्होंने अपने स्कूलों की कक्षाओं को समाज के सहयोग से स्मार्ट और हाईटेक बनाकर अभिभावकों का विश्वास जीतने का अछ्वुत प्रयास किया है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि सतीश ¨सह से आज प्रदेश के अन्य जिलों के शिक्षक भी सीख रहे हैं और अपने अनुभव साझा कर रहे हैं कि कक्षा में सरल तकनीक को कैसे लागू किया जा सकता है। आइसीटी इनावेटर्स ग्रुप के नाम से शिक्षकों के समूह ने सतीश से ही प्रेरित होकर किताब के पाठों, कहानियों और कविताओं का आडियो-वीडियो संस्करण तैयार कर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा में क्रांति ला दिया है। कहा है कि ऐसे शिक्षक ही बदलाव के नायक हो सकते हैं वो कहीं बाहर से नहीं आएंगे।

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