पैसेंजर ट्रेनें बंद, रोडवेज पर बढ़ा यात्रियों का दबाव

सबसे ज्यादा वाराणसी व गोरखपुर रूट के लिए निकल रही हैं सवारियां - थर्मल स्क्रीनिग को लेकर लापरवाह हो रहे रोडवेज कर्मचारी - बसों में शारीरिक दूरी को ज्यादातर यात्री दिख रहे बेफिक्र

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Jul 2020 05:26 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 05:26 PM (IST)
पैसेंजर ट्रेनें बंद, रोडवेज पर बढ़ा यात्रियों का दबाव
पैसेंजर ट्रेनें बंद, रोडवेज पर बढ़ा यात्रियों का दबाव

जागरण संवाददाता, मऊ : भारतीय रेलवे की ओर से स्थानीय जंक्शन से होकर गुजरने वाली सिर्फ तीन ट्रेनों को ही चलाया गया है। वाराणसी व गोरखपुर को जोड़ने वाली पैसेंजर ट्रेनों के बंद होने के चलते धीरे-धीरे रोडवेज पर यात्रियों का दबाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच प्रत्येक यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिग एवं हाथ सैनिटाइज कराने के मामले में रोडवेज के चालक-परिचालक लापरवाही बरत रहे हैं। वहीं, बसों में सवार होने वाले यात्री भी आपस की शारीरिक दूरी और मास्क को लेकर चौकन्ना कम नजर आ रहे हैं।

जिले के अधिकांश गांवों के संपर्क मार्ग वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े हैं। इसके चलते मऊ शहर से लेकर दोहरीघाट तक हाईवे पर सबसे ज्यादा यातायात का दबाव देखा जाता है। जिला मुख्यालय के लिए दोहरीघाट, घोसी, अमिला, सूरजपुर, सुल्तानपुर आदि गांवों व कस्बों के लोगों को हाईवे से होकर ही आना होता है। कोरोना वायरस को लेकर देश में लॉकडाउन की घोषणा के पहले मऊ डिपो प्रांगण से होकर प्रतिदिन औसतन पांच हजार यात्री गुजरते थे। लॉकडाउन के बाद जब एक जून से रोडवेज बसों का संचालन शुरू हुआ है तो धीरे-धीरे एक बार फिर यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है। पैसेंजर ट्रेनों के न चलने से वाराणसी गोरखपुर रूट पर बसों में यात्रियों की संख्या इतनी बढ़ जा रही है कि लोग खड़े होकर सफर करने पर मजबूर हो जा रहे हैं। रोडवेज प्रबंधन की ओर से बस में सवार होने से पहले यात्रियों के हाथ सैनिटाइज कराने, थर्मल स्क्रीनिग करने तथा मास्क लगवाने की हिदायत दी गई थी, लेकिन इसका अनुपालन कम ही देखने को मिल रहा है। मऊ डिपो के एआरएम विवेकानंद त्रिपाठी ने बताया कि सभी यात्रियों के हाथ सैनिटाइज कराए जा रहे हैं। परिचालक यात्रियों को यात्रा के दौरान मास्क लगाने की भी हिदायत दे रहे हैं।

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