नौवीं से बारहवीं तक के 30 फीसद छात्र ही पहुंचे विद्यालय

जागरण संवाददाता मऊ छह माह की लंबी छुट्टी के बाद सोमवार को शासन के निर्देश पर जब इं

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 09:51 PM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 09:51 PM (IST)
नौवीं से बारहवीं तक के 30 फीसद छात्र ही पहुंचे विद्यालय
नौवीं से बारहवीं तक के 30 फीसद छात्र ही पहुंचे विद्यालय

जागरण संवाददाता, मऊ : छह माह की लंबी छुट्टी के बाद सोमवार को शासन के निर्देश पर जब इंटर कॉलेज खुले तो पहले दिन नौवीं से बारहवीं तक के 30 फीसद छात्रों ने ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान आजमगढ़ मंडल की संयुक्त शिक्षा निदेशक अनारपति वर्मा ने लगभग एक दर्जन विद्यालयों का निरीक्षण कर कोरोना कोविड से बचाव की तैयारियों का जायजा लिया।

शहर के मुस्लिम इंटर कॉलेज, डीएवी इंटर कॉलेज, सोनी धापा इंटर कॉलेज व लिटिल फ्लावर स्कूल पहुंची जेडी ने सबसे पहले हैंडवाश की व्यवस्था व सैनिटाजर के संबंध में पूछताछ की। इसके बाद उन्होंने कक्षावार छात्रों के अभिभावकों से लिए गए सहमति पत्र का अवलोकन किया। इस दौरान पाया गया कि 50 प्रतिशत छात्रों के अभिभावकों की सहमति प्राप्त थी। इस पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया और शत- प्रतिशत सहमति प्राप्त करने का निर्देश दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि सीबीएसई एवं यूपी बोर्ड के सभी 550 विद्यालय खुले। प्रत्येक विद्यालय में कोरोना को लेकर सतर्कता पाई गई है। अध्ययन कक्ष में शारीरिक दूरी बनाने तथा मास्क लगाने को लेकर शिक्षक व छात्र दोनों सतर्क दिखे।

पूराघाट प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के लाडनपुर और फैजुल्लाहपुर स्थित बापू इंटर कालेज व नेहरू स्मारक इंटर कालेज सोमवार को सरकार के निर्देशानुसार खुला। इस दौरान पूरे विद्यालय की साफ सफाई करवाते हुए सैनिटाइज किया गया। इस दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य ने छात्रों -छात्राओं द्वारा अपने माता-पिता से अनुमति प्रमाण पत्र के साथ मास्क पहन कर विद्यालय आने का निर्देश देते हुए कोरोना महामारी से बचने का जरूरी निर्देश देकर अवकाश दे दिया। प्रधानाचार्य उपेंद्र राय ने बताया कि स्कूल आने वाले बच्चों में दो गज की दूरी बनाकर कुर्सी लगाई गई हैं। सैनिटाइजेशन, मास्क व थर्मल स्क्रीनिंग करके ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही साथ क्लास अटेंड करने के लिए छात्रों को पैरंट्स की लिखित इजाजत साथ लानी होगी। सहमति पत्र न देने वाले अभिभावकों को स्कूल भेजने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा लेकिन, घर बैठकर भी अगर ऑनलाइन क्लास नहीं ले रहे हैं। उन बच्चों को स्कूल नोटिस करेंगे और अभिभावकों को बताएंगे। कार्रवाई भी की जा सकती है।

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