मौलाना अरशद मदनी की कांफ्रेंस को प्रशासन की अनुमति नहीं

मौलाना अरशद मदनी की कॉन्फ्रेंस को प्रशासन ने किया रद

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 09:47 PM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 06:08 AM (IST)
मौलाना अरशद मदनी की कांफ्रेंस को प्रशासन की अनुमति नहीं
मौलाना अरशद मदनी की कांफ्रेंस को प्रशासन की अनुमति नहीं

जागरण संवाददाता, चिरैयाकोट (मऊ) : जमीअत उलमा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बाबरी मस्जिद मुकदमे में पक्षकार मौलाना अरशद मदनी की 12 दिसंबर को होने वाली कान्फ्रेंस को प्रशासन ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। हालांकि इस आयोजन के लिए पहले अनुमति दी जा चुकी थी परंतु खुफिया विभाग की रिपोर्ट और लखनऊ से आए फरमान के बाद प्रशासन ने अपने हाथ वापस खींच लिए।

पहले यह कान्फ्रेंस 05 दिसंबर को होनी थी। इसके लिए प्रशासन द्वारा अनुमति दे दी गई थी। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने 06 दिसंबर का हवाला देकर जमीअत के जिम्मेदारों से कान्फ्रेंस की तिथि को आगे बढ़वा कर 12 दिसंबर कर दिया। चूंकि मौलाना अरशद मदनी ने अयोध्या मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असहमति जताते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल की है इसलिए खुफिया रिपोर्टों को देखते हुए प्रशासन ने 12 दिसंबर के परमिशन को भी कैंसिल कर दिया। इसे लेकर शनिवार की सुबह जमीअत का प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से भी मिला। इसमें जमीअत के जिलाध्यक्ष मौलाना खुर्शीद मि़फ्ताही, नगर पालिकाध्यक्ष तैयब पालकी, पूर्व एमपी सालिम अंसारी, पूर्व पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल, राशिद कमाल, अल्ताफ आदि थे। इन लोगों ने कान्फ्रेंस से किसी भी तरह भी कानून व्यवस्था को खतरा न होने का हवाला दिया और कान्फ्रेंस की परमिशन मांगी। परंतु अधिकारियों ने साफ तौर पर खुफिया विभाग का हवाला देकर कॉन्फ्रेंस के लिए परमिशन देने से मना कर दिया। कहा कि मौलाना ने बाबरी मस्जिद मुकदमे में रिपिटीशन दाखिल की है। उनके भाषण से जिले की शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। पता चला है कि बाबरी मस्जिद का पक्षकार होने के नाते मौलाना के कार्यक्रमों पर पूरे प्रदेश में रोक लगा दी गई है।

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