लक्ष्मण ने काटी सूपर्णखा की नाक

स्थानीय नगर के कस्बा खास में चल रही रामलीला के दौरान गुरूवार की रात शूर्पणखा के नाक और कान काटे जाने और खर-दूषण वध का मंचन हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Oct 2019 10:13 PM (IST) Updated:Fri, 04 Oct 2019 10:13 PM (IST)
लक्ष्मण ने काटी सूपर्णखा की नाक
लक्ष्मण ने काटी सूपर्णखा की नाक

जासं, घोसी (मऊ) : स्थानीय नगर के कस्बा खास में चल रही रामलीला के दौरान गुरूवार की रात सूपर्णखा के नाक और कान काटे जाने और खर-दूषण वध का मंचन हुआ।

वन में कुटिया के बाहर प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण एवं सीता के साथ विराजमान हैं। जंगल में भ्रमण कर रही रावण की बहन सूपर्णखा की नजर इन दोनों तपसी वेशधारी राजकुमारों पर पड़ती है। वह राक्षसी इन पर आसक्त हो जाती है। वह प्रभु श्रीराम के समक्ष पहुंच सीधे विवाह का प्रस्ताव रखती है पर राम ने विवाहित होने का तर्क देकर ठिठोली करते हुए लक्ष्मण की तरफ संकेत किया। लक्ष्मण जी ने प्रस्ताव ठुकराते हुए क्रोध प्रकट किया। वह दोबारा प्रभु के समीप पहुंच अनुनय करती है। प्रभु ने एक पत्नी व्रती होने के चलते शालीनता से उसके प्रस्ताव को इंकार कर दिया। अपने वास्तविक स्वरूप में प्रकट होकर राक्षसी सीता जी पर आक्रमण करने को बढ़ती है। उधर प्रभु का संकेत पाते ही लक्ष्मण जी ने उसके कान और नाक काट दिया। रोती बिलखती सूपर्णखा अपने भाई खर और दूषण के पास पहुंच कर सारा वृतांत बयान करती है। दोनों भाई 13 हजार सैनिकों को लेकर प्रभु की कुटिया के पास पहुंचते हैं। युद्ध के दौरान दोनों भाइयों सहित सैनिकों को प्रभु श्रीराम एवं लक्ष्मण यमलोक पहुंचाने लगते हैं। यह हश्र देख बचे सैनिक वापस भागने लगते हैं। इसी के साथ लीला का मंचन समाप्त होते ही जुटे श्रद्धालु जयकारा लगाते हुए वापस लौटे। रामलीला समिति अध्यक्ष सुधीर श्रीवास्तव, रामधारी सोनकर, रामविलास सोनकर, वायुनंदन मिश्रा, कुबेर राम एवं केदार सोनकर आदि सदस्य व्यवस्था में जुटे थे।

chat bot
आपका साथी