Mukhtar Ansari: कैसे सत्ता में आया माफिया मुख्तार अंसारी, मुलायम सिंह की सरकार गिरने के बाद इस पार्टी ने दिया था मौका
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत हो गई। जेल की बैरक में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले आया जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही थी। बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने भाकपा के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी और ऐसा रहा नेता से जेल तक का सफर…
HighLights
- माफिया मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में मौत
- इस पार्टी से शुरू हुआ था मुख्तार का राजनीतिक सफर
- मऊ से लगातार छह बार रहा विधायक
जागरण संवाददाता, मऊ। Mukhtar Ansari Leader: बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) से शुरू की थी।
परिवार में बड़े भाई अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) 1985 में ही गाजीपुर जिले की मुहम्मदाबाद सीट से विधानसभा पहुंच चुके थे। इसका लाभ उसे मिला।
पहले चुनाव में ही देखना पड़ा था हार का मुंह
साल 1995 में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) किसी मामले में दिल्ली जेल में बंद था। उसी दौरान प्रदेश में तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार गिर गयी। इसके बाद हुए चुनाव में जेल में बंद मुख्तार अंसारी को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने टिकट दिया, लेकिन जीवन के पहले चुनाव में उसे हार का मुंह देखना पड़ा।
इस हार के बाद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने मऊ का रुख किया, जहां से लगातार वह छह बार विधायक बना और अंत में अपनी सीट अपने बेटे के लिए छोड़ दी। बेटे को जेल में रहने के बावजूद 2022 के चुनाव में विधायक बना दिया।
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