बीएसएनएल की खराबी कहीं पड़ न जाए भारी

लगातार कई वर्षों से बीएसएनएल सेवाओं की खराबी चर्चा-ए-आम है। देश में लोकसभा चुनाव की खुमारी अपने अंतिम चरम पर है। पूरी प्रशासनिक मशीनरी चुनाव को सकुशल संपन्न कराने में जुटी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 05:42 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 05:42 PM (IST)
बीएसएनएल की खराबी कहीं पड़ न जाए भारी
बीएसएनएल की खराबी कहीं पड़ न जाए भारी

जागरण संवाददाता, मऊ : लगातार कई वर्षों से बीएसएनएल सेवाओं की खराबी चर्चा-ए-आम है। देश में लोकसभा चुनाव की खुमारी अपने चरम पर है। पूरी प्रशासनिक मशीनरी चुनाव को सकुशल संपन्न कराने में जुटी है। सभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के सीयूजी नंबर भी बीएसएनएल हैं। लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराना इन्हीं पुलिस व प्रशासन की जिम्मेदारी भी है। ऐसे में बीएसएनएल की नेटवर्किंग खराबी कहीं भारी न पड़ जाए। इसको लेकर खुद जिलाधिकारी ने वरिष्ठ अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया है।

जनपद में नगर क्षेत्र लगायत ग्रामीण क्षेत्र में बीएसएनएल के बीटीएस टावर अक्सर फेल रहते हैं। जब तक बिजली रहती है तब तक तो मोबाइल में बीएसएनएल नेटवर्क रहता है परंतु जैसे ही बिजली कटी कि मोबाइल से नेटवर्क गायब। वर्षों से आमजन आक्रोश व्यक्त करता रहा परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में अब लोकसभा चुनाव का भी बिगुल बज चुका है। घोसी लोकसभा के लिए मतदान अंतिम चरण 19 मई को होगा। अब निर्वाचन आयोग द्वारा भी कई एप के जरिए निर्वाचन के विभिन्न कार्यों को किया जाना है। साथ ही निर्वाचन से जुड़े सभी आरओ, एआरओ सहित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के नंबर भी बीएसएनएल का सीयूजी नंबर है। चुनाव के दिन पोलिग पार्टियां, सेक्टर मजिस्ट्रेट व जोनल मजिस्ट्रेट आदि से बराबर कम्युनिकेशन भी होता रहेगा। ऐसे में बीएसएनएल की बीमार सेवाएं बाधा बन सकती है। इसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने इस समस्या से शासन को अवगत करा दिया है। वर्जन--

'जिले में खराब दूरसंचार सेवाओं के संबंध में शासन व केंद्र सरकार को अवगत करा दिया गया था। इस पर भारत सरकार के निर्देश पर सीजीएम ने विभागीय अधिकारियों को सेवाओं की बहाली के निर्देश दिए हैं। चुनाव से पूर्व दूरसंचार सेवाएं ठीक हो जाएंगी।'

-ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी, जिलाधिकारी, मऊ।

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