गजब! 33 साल की सेवा में कोई छुट्टी नहीं

जागरण विशेष .. सबहेड शिक्षक सत्यप्रकाश के कर्तव्यबोध के आगे उनसे बड़ी उम्र के प्रधानाचा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Nov 2020 02:23 PM (IST) Updated:Mon, 09 Nov 2020 02:23 PM (IST)
गजब! 33 साल की सेवा में कोई छुट्टी नहीं
गजब! 33 साल की सेवा में कोई छुट्टी नहीं

जागरण विशेष ..

सबहेड : शिक्षक सत्यप्रकाश के कर्तव्यबोध के आगे उनसे बड़ी उम्र के प्रधानाचार्य भी नतमस्तक बेमिसाल कत्वर्यबोध..

- बेटी के कन्यादान के लिए भी गए तो अपनी कक्षा को पढ़ाकर

- विद्यालय में उनके पहुंचते ही सकारात्मक व ऊर्जावान हो जाता है माहौल हाईलाइटर

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न पुरस्कार का ख्वाब न महिमा मंडन की चाह। शार्टकट से कामयाबी पाने के लिए भ्रष्टाचार व कामचोरी के इस दौर में कुछ ऐसे ही कर्मवीरों के कारण सत्य का परचम लहरा रहा है। कर्तव्यपरायणता की ऐसी मिसाल कि सहसा विश्वास नहीं होता। ..आखिर कौन यकीन करेगा कि कोपागंज के अनुदानित बापू इंटर कालेज में सत्यप्रकाश राय नाम के एक ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने 33 वर्षों के अपने सेवा काल में एक भी छुट्टी नहीं लिया है। सरकार की ओर से समय-समय पर जो छुट्टी मिलती है उसी में अपने जीवन की सारी जिम्मेदारियों और संस्कारों को पूरा किया है। यहां तक की बेटी के विवाह के दिन भी सत्यप्रकाश अपनी कक्षा के बच्चों को पढ़ाकर कन्यादान के लिए रवाना हुए हैं। सत्यप्रकाश का नाम ऐसे शिक्षकों में शुमार हैं, जिनसे उम्र में बड़े प्रधानाचार्य उनके कर्तव्यबोध को नमन करते हैं।

------------------------------------------------ सूर्यकांत त्रिपाठी, मऊ :

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26 नवंबर 1987 में सत्यप्रकाश राय ने टीजीटी ग्रेड में बतौर अंग्रेजी अध्यापक बापू इंटर कालेज कोपागंज से अपने कार्यकाल का शुभारंभ किया। शुरुआत के 20 वर्षों तक कोई छुट्टी तो दूर उन्होनें अपने किसी सीएल यानि प्रत्येक वर्ष मिलने वाली 14 दिनों की कैजुअल लीव या आकस्मिक छुट्टी का भी प्रयोग नहीं किया। इस बात को प्रमाणित न सिर्फ उनके प्रधानाचार्य उपेंद्रनाथ राय ने किया, बल्कि सहयोगी शिक्षकों ने भी इसकी गवाही दी। विभागीय दस्तावेजों बोलते हैं कि 13 वर्षों की सेवा में आकस्मिक परिस्थितियों में खासकर किसी प्रियजन की मृत्यु के बाद के संस्कारों के लिए उन्होंने कुल सात सीएल का इस्तेमाल किया है। सत्यप्रकाश राय अब उसी बापू इंटर कालेज में प्रवक्ता हैं और अब तक के अपने सेवा काल में उन्होंने सिर्फ सात सीएल का ही इस्तेमाल किया है। सभी साथी शिक्षक और छात्र सत्यप्रकाश राय का बेहद सम्मान करते हैं। उम्र और पद दोनों में श्रेष्ठ होने के बावजूद स्वयं उनके प्रधानाचार्य उपेंद्रनाथ राय उन्हें प्रवेश द्वार से अंदर कदम रखते देखते ही प्रणाम मुद्रा में आकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं। बापू इंटर कालेज और जिले के शिक्षकों के लिए कर्तव्यपरायणता मतलब शिक्षक सत्यप्रकाश बन गए हैं। वर्जन ..

शिक्षा विभाग के प्रति शिक्षक सत्यप्रकाश का समर्पण अतुलनीय है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शिक्षकों को ऐसे शिक्षकों की कार्यशैली से प्रेरणा लेनी चाहिए।

- डा.राजेंद्र प्रसाद, जिला विद्यालय निरीक्षक, मऊ।

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