गली और बाजारों में गूंजने लगे छठ पूजन के गीत

मऊ : 'कांचे ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय..', 'किरपा करिहें छठ माई.. ' आदि लोकभाषा में लोक-संस्

By Edited By: Publish:Sat, 25 Oct 2014 06:06 PM (IST) Updated:Sat, 25 Oct 2014 06:06 PM (IST)
गली और बाजारों में गूंजने लगे छठ पूजन के गीत

मऊ : 'कांचे ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय..', 'किरपा करिहें छठ माई.. ' आदि लोकभाषा में लोक-संस्कृति को उजागर करते पुराने गीतों की कशिश आज के दौर में भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर ही लेती है। चाहे वे भक्ति गीत हों या फिल्मी। छठ पर्व पर बिक रही कैसेटों से भी यही बात साबित होती है। दीपावली बीतते ही छठ माता पूजन के ये गीत अब बाजारों में दुकानों से लेकर गांव के घरों तक में गूंजने लगे हैं।

इस बार बाजार में छठ मैया के गीतों की पुरानी कैसेटें ही ज्यादातर उपलब्ध हैं। इन्हें ही श्रोता पसंद भी कर रहे हैं। छठ गीतों की कैसेटों में इस बार भी मनोज तिवारी, कल्पना, दिनेश लाल निरहुआ, गोपाल राय, भरत शर्मा व्यास आदि की धूम है। हालांकि ये सारे एलबम पिछले वर्षो के हैं। अधिकतर गायक फिल्मों में अभिनेता बन गए हैं। इसलिए उन्हें शायद इस बार छठ पर्व पर नए कैसेट निकालने की फुरसत नहीं मिली। हालांकि ग्राहक उन गायकों के नए कैसेट भी खोज रहे हैं।

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