80 साल में जवां शिक्षा का संकल्प, 50 वर्ष से पढ़ा रहीं बेटियां

उम्र बढ़ने के साथ ही मजबूत हुआ समाज शिक्षित करने का भगवान देवी का इरादा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Sep 2019 11:50 PM (IST) Updated:Wed, 04 Sep 2019 06:26 AM (IST)
80 साल में जवां शिक्षा का संकल्प, 50 वर्ष से पढ़ा रहीं बेटियां
80 साल में जवां शिक्षा का संकल्प, 50 वर्ष से पढ़ा रहीं बेटियां

गोवर्धन(मथुरा), संसू। ये जिद है समाज को शिक्षित करने का। जुनून है अपने संकल्पों को पूरा करने का। जिस उम्र में शरीर साथ नहीं देता, उस उम्र में भी भगवान देवी शर्मा शिक्षा की मशाल जला रही हैं। बेटियां पढ़ें, इसके लिए पांच दशक से शिक्षा की ज्योति जला रही हैं।

गोवर्धन में रहने वाली की भगवान देवी के मन में बेटियों की शिक्षा को लेकर लगन यूं ही नहीं जगी। ये बात उस समय की है जब बेटियों को स्कूल भेजने के प्रति समाज जागरूक नहीं था। भगवान देवी के दिल में बच्चियों को पढ़ाने की इच्छा उठी, तो संकल्प ले लिया। घर-घर जाकर परिजनों से मिलीं, बेटियों को पढ़ाने को कहा। परिजनों ने बेटियों को घर से बाहर भेजने से इन्कार किया, तो घरों को ही शिक्षा का मंदिर बना लिया। खुद जूनियर टीचर्स ट्रेनिग की थी। करीब तीन वर्ष तक घर में ही शिक्षा दी। वक्त बदलता रहा और लड़कियों की संख्या में इजाफा होता रहा।

मानसी गंगा के किनारे बनी इमारत में आदर्श शिक्षा निकेतन नाम देकर 1970 में स्कूल की स्थापना की। 1984 में पति राममूर्ति शर्मा की मृत्यु के बाद भगवान देवी के सामने बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी आ गई, लेकिन शिक्षा के मिशन को जारी रखा। वक्त के बदलते परि²श्य ने बदलाव और जागरूकता की रोशनी फैलाना शुरू किया तो स्कूल 1993 में हाईस्कूल और 97 में इंटरमीडिएट तक हो गया। आदर्श कामिनी शिक्षा निकेतन ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज में कक्षा एक से 12 तक की 200 लड़कियों को निश्शुल्क शिक्षा दी जा रही है। भगवान देवी ने उम्र को हावी नहीं होने दिया। यही कारण है कि 80 वर्ष की भगवान देवी आज भी खुद पढ़ाती हैं। विद्यालय में अनुशासन ही उनकी पहचान है। मां की इच्छा को सर्वोपरि मानते उनके बेटे दिलीप कौशिक उनके मिशन को गति दे रहे हैं। वह रोजाना अपनी मां को स्कूल साथ लाते हैं।

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