श्रीराम बनेंगे दूल्हा, ब्रजवासी बाराती

जागरण संवाददाता, मथुरा : भगवान श्रीराम की बारात गुरुवार को निकलेगी। अभूतपूर्व बारात में ब्रजव

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Sep 2017 12:11 AM (IST) Updated:Thu, 21 Sep 2017 12:11 AM (IST)
श्रीराम बनेंगे दूल्हा, ब्रजवासी बाराती
श्रीराम बनेंगे दूल्हा, ब्रजवासी बाराती

जागरण संवाददाता, मथुरा : भगवान श्रीराम की बारात गुरुवार को निकलेगी। अभूतपूर्व बारात में ब्रजवासी बाराती बनेंगे। नगर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है । स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं। रात बारात का मार्ग सतरंगी रोशनी में नहाया नजर आएगा।

श्रीराम लीला सभा द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव में राम बारात लाल दरवाजा स्थित बाटी वाली कुंज से शाम सात बजे प्रारंभ होकर चौक बाजार स्थित अवधपुरी पहुंचेगी । वहां से स्वामी घाट, छत्ता बाजार, होली गेट, कोतवाली रोड होती हुई भरतपुर गेट स्थित जनकपुरी में पहुंचेगी, यहां राम के विवाहोत्सव की लीला होगी । कोलकाता, उड़ीसा शैली की सजावट की जाएगी। बारात में आगरा, मथुरा़, हाथरस, गाजियाबाद, फीरोजाबाद, अलीगढ़, बुलंदशहर की कलात्मक, मनोहारी झांकियों के साथ हाथरस, दिल्ली, जेवर, मथुरा के बैंड का आकर्षण का केंद्र होगा । एटा का रोड शो, बुलंदशहर का मां तुझे सलाम रोड शो प्रदर्शन करेंगे। बारात के मार्ग को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। ब्रजवासी भी राम बारात के दर्शन करने को ब्रजवासी ललायित हो रहे हैं।

गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, रविकांत गर्ग, सभापति उमेश अग्रवाल, प्रधानमंत्री बनवारी लाल गर्ग, जुगल किशोर अग्रवाल, उप सभापति अशोक बंसल, अशोक गुडेरा, सर्वेश शर्मा, शशांक पाठक, मदन मोहन श्रीवास्तव, अमित भारद्वाज आदि ने जनता से राम बारात का स्वागत करने की अपील की है । धनुष यज्ञ व परशुराम लक्ष्मण संवाद का मंचन

मथुरा : श्री रामलीला सभा के तत्वावधान में श्रीकृष्ण जन्मस्थान लीला मंच पर धनुष यज्ञ, परशुराम- लक्ष्मण संवाद लीला का मंचन देख श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। श्रीराम, लक्ष्मण मुनि विश्वामित्र के साथ जनकपुर में आयोजित स्वयंवर में पहुंचते हैं । आकाशवाणी सुन रावण लंका वापस लौट जाता है । राजा, महाराजा, शूरवीर धनुष को तोड़ने में असमर्थ हो जाते हैं। जनक दुखी होकर कहते हैं कि यह पृथ्वी वीरों से शून्य हो गई है ।जनक के इस कथन पर लक्ष्मण क्रोधित होते हैं । प्रभु श्रीराम मुनि से आज्ञा लेकर धनुष भंग कर देते। देवता पुष्पों की बरसात करते हैं । जानकी वरमाला प्रभु राम को पहनाती हैं। महर्षि परशुराम को शिव धनुष भंग होने का पता चलता है, वह क्रोधित अवस्था में सभा में पहुंचते हैं। लक्ष्मण-परशुराम का काफी देर संवाद होता है।

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