सत्ता पाने का जरिया बन गया है राम मंदिर
¨हदुत्व के नाम पर राहुल ने दिखाया मोदी को आइना
जागरण संवाददाता, वृंदावन: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने राममंदिर निर्माण के मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा। कहा कि सरकार कभी राम मंदिर नहीं बनाएगी। भाजपा ने सत्ता पाने के लिए मंदिर के नाम पर जनता को गुमराह किया। अदालत के निर्णय पर राममंदिर निर्माण संभव है। राहुल गांधी का बचाव करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि राहुल ने संसद में पप्पू वाले बयान के सहारे भाजपा की नीतियों पर कटाक्ष किया और सद्भाव का संदेश भी दिया। राहुल के ¨हदूवादी चेहरे के सवाल पर कहा कि उन्होंने इस मामले में भी मोदी को आइना दिखाया। मोदी और राहुल दोनों एक जैसे ¨हदू हैं।
बिरला हाउस में रविवार को पत्रकारों से रूबरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने ¨हदुत्व के नाम पर भाजपा और आरएसएस के घेरा। कहा कि वे ¨हदुत्व का दिखावा करते हैं। जो वेद शास्त्र को नहीं मानते तो ¨हदू कैसे हो गए। वो लोग मानते हैं कि जो ¨हदू धर्म को मानता है, वही अपने को ¨हदू कहे। ऐसे में अगर मुसलमान खुद को ¨हदू कहने लगें तो ¨हदुओं की पहचान मिट जाएगी। भाजपा और आरएसएस राममंदिर निर्माण के नाम पर जनता को गुमराह कर रहे हैं। पहले कहते थे सत्ता में आने पर मंदिर बनाएंगे, अब केंद्र और प्रदेश दोनों जगह बहुमत की सरकार है। अब मंदिर बनाने में देरी क्यों हो रही है। उन्होंने मोदी द्वारा खुद के लिए नीच शब्द का इस्तेमाल करने वाले बयान की भी ¨नदा की।
राहुल के कभी ¨हदू, कभी मुसलमान व कभी ईसाई नजर आने के सवाल पर कहा कि वह ऐसा करके मोदी को आइना दिखा रहे हैं। क्योंकि जैसे ¨हदू मोदी हैं, वैसे ही ¨हदू राहुल भी हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के सवाल पर संशय जताते हुए कहा कि ये देश की जनता तय करे। गोकशी के नाम पर हत्याओं के सवाल पर कहा कि मोदी अगर नोटबंदी की तरह गोमांस के कारोबार पर प्रतिबंध लगा दें तो सबकुछ ठीक हो जाएगा। मोदी के विकल्प पर कहा कि मेरी बात जनता तक पहुंची तो विकल्प मिल जाएगा। बढ़ते दुष्कर्म की घटनाओं पर शंकराचार्य ने शिक्षा नीति के साथ गो मांस और शराब सेवन को दोषी ठहराया।
उन्होंने आरक्षण नीति पर भी अपनी असहमति जताते हुए कि इससे समाज में खाई पैदा हो रही है। काशी में मंदिर तोड़े जाने की घटना की ¨नदा करते हुए कहा कि योगी उनकी उम्मीद पर खरे नहीं उतर रहे। काशी में पिछले दिनों हुई घटना भी इसी का परिणाम थी। इससे पहले शंकराचार्य ने बताया कि ¨हदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है। देश के हर तीर्थ में चातुर्मास कर लिया था। वृंदावन में करने की इच्छा थी। 27 जुलाई से दो महीने चातुर्मास करेंगे।