समय से नहीं मिल रहा पोषण, कैसे दूर होगा कुपोषण

पोषण माह में बचों को दूध घी मुहैया कराए जाने का किया गया था दावागर्म भोजन के स्थान पर अभी सूखा राशन ही कराया जाएगा मुहैया

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Nov 2020 06:21 AM (IST) Updated:Fri, 13 Nov 2020 06:21 AM (IST)
समय से नहीं मिल रहा पोषण, कैसे दूर होगा कुपोषण
समय से नहीं मिल रहा पोषण, कैसे दूर होगा कुपोषण

जागरण संवाददाता, मथुरा: कुपोषित बच्चों को पोषित करने के लिए पिछले दिनों पोषण माह चलाया गया, जिसके तहत तरह-तरह के उपाय बताए गए थे। इतना ही नहीं अतिकुपोषित बच्चों को विभाग की ओर दूध और घी तक मुहैया कराया जाने का दावा किया गया था, लेकिन अभी तक घी, दूध तो दूर बच्चों को गर्म भोजन तक नहीं मिल पा रहा है।

दरअसल, जिले में 2363 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिन पर 2.47 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें से 5772 अतिकुपोषण की श्रेणी में हैं, इन बच्चों को हस्ट पुष्ट करना विभागीय अधिकारियों के लिए एक चैलेंज है। हालांकि इन बच्चों को पूरी तरह से स्वस्थ बनाने के लिए सितंबर में पोषण माह भी मनाया गया था, जिसमें गांव-गांव पहुंची टीमों ने महिलाओं को बच्चों को मुहैया कराई जाने वाली खुराक आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी थी। इतना ही नहीं उन्हें इस बात का भी आश्वासन दिया गया था कि 25 नवंबर से आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को दूध और घी भी मुहैया कराया जाएगा, लेकिन अभी तक दूध घी तो दूर की बात है। बच्चों को गर्म भोजन तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है।

पैकेट की जगह मिलेगा सूखा राशन: विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से गर्भवती, धात्री, पंजीकृत बच्चों को दलिया आदि के पैकेट दिए जाते थे, लेकिन अब व्यवस्था में बदलाव किया गया है। गांव इन सभी को पंजीकृत महिला तथा बच्चों को गेहूं और चावल ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के द्वारा मुहैया कराए जाएंगे। बताया जा रहा है कि अभी तक दलिया आदि के पैकेट लाभार्थियों को मिलने के बजाए तमाम तरह के आरोप लगाए जाते थे, जिसको लेकर यह बदलाव किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि दस से 14 नवंबर तक चार दिन सूखा राशन स्वयं सहायता समूह के माध्यम से वितरित किया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिनव कुमार मिश्रा ने कहा कि दूध और घी को लेकर शासन स्तर पर तैयारी चल रही है। यह कब मिलना शुरू होगा। इसको लेकर अभी कोई गाइड लाइन नहीं मिल पाई है। इतना जरूर है कि यह व्यवस्था जल्द लागू होगी और दूध और घी के पैकेट सीधे बच्चों को मुहैया कराए जाएंगे। अभी दस से लेकर 14 नवंबर तक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सूखा राशन वितरण किया जाएगा, जिसकी तैयारी कर ली गई हैं।

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