नगला उटावड़ में हथियार बनाने की फैक्ट्री पकड़ी

संवाद सूत्र, मथुरा, कोसीकलां: गांव नगला उटावड़ के जंगल में सोमवार की अलसुबह पुलिस ने मुठभे

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Mar 2018 11:49 PM (IST) Updated:Mon, 12 Mar 2018 11:49 PM (IST)
नगला उटावड़ में हथियार बनाने की फैक्ट्री पकड़ी
नगला उटावड़ में हथियार बनाने की फैक्ट्री पकड़ी

संवाद सूत्र, मथुरा, कोसीकलां: गांव नगला उटावड़ के जंगल में सोमवार की अलसुबह पुलिस ने मुठभेड़ के बाद एक हथियार बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ ली। पांच लोगों को हथियार बनाते हुए गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से बने और अधबने चार तमंचे और हथियार बनाने के उपकरण बरामद हुए हैं। फैक्ट्री का संचालक पूर्व प्रधान अपने साथी सहित भागने में सफल रहा।

पुलिस को नगला उटावड़ के जंगल में हथियार बनाने की फैक्ट्री के संचालित होने की सूचना मिली थी। इंस्पेक्टर अमित कुमार ने दारोगा विनोद कुमार व तनवीर आलीम, जीतेंद्र कुमार की टीम बनाकर सोमवार की सुबह गांव के समीप जंगल में बताए स्थान को घेर लिया। सीओ चंद्रधर गौड़ ने बताया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान लोग हथियार बनाने में जुटे हुए थे। पुलिस को देख उन्होंने फाय¨रग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने मौके से पांच लोगों को पकड़ लिया। जबकि संचालक सहित दो लोग फरार हो गए। पूछताछ में पकड़े गए लोगों ने अपने नाम आशु पुत्र युनूस निवासी झिरका फिरोजपुर, नूहं मेवात हरियाणा, कासिम पुत्र हब्बू, कल्लू पुत्र फूल ¨सह, रफीक पुत्र मम्मल, साहिब उर्फ कालू पुत्र अयूब खान निवासीगण नगला उटावड़ कोसीकलां बताया।

सीओ ने बताया कि फरार हुए लोगों में पूर्व प्रधान जरजीत पुत्र बुग्गर एवं अख्तर पुत्र फूल¨सह निवासीगण गांव नगला उटावड़ हैं। मौके से चार बने हुए तमंचे एवं ड्रिल मशीन, रेल पटरी, कारतूस के खोखा, एवं तमाम हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। सीओ ने बताया कि एसएसपी मथुरा ने हथियारों की फैक्ट्री को पकड़ने वाली टीम को पांच हजार रुपए के पुरस्कार की घोषणा की है।

पूर्व प्रधान के संरक्षण में चलती थी फैक्ट्री : सीओ चंद्रधर गौड ने बताया कि नगला उटावड़ में हथियार बनाने वाली फैक्ट्री पूर्व प्रधान जरजीत ¨सह के संरक्षण में चलती थी। काफी समय से वह इसे स्थान बदल बदलकर संचालित कराता था। हथियार बनाने के लिए प्रशिक्षक नूहं मेवात से बुलाए जाते थे। काफी समय से पूर्व प्रधान के बारे में जानकारी जुटाई जा रही थी। वह हथियार बनाने के बाद उनकी बिक्री भी कराता था।

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