मालवीय जी के प्रयास से बना था श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मंदिर

मंदिर की जगह खंडहर देख द्रवित हो गए थे मदन मोहन मालवीयबनारस के राजा पटनीमल से जमीन लेने को की पहल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 06:42 AM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 06:42 AM (IST)
मालवीय जी के प्रयास से बना था श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मंदिर
मालवीय जी के प्रयास से बना था श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मंदिर

विनीत मिश्र, मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर आज जो भव्य मंदिर है वह पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रेरणा की ही देन है। मथुरा आए मालवीय जी इस जगह को देख भावुक हो गए थे। तब यहां खंडहर और गढ्डे ही थी। उन्होंने वह जमीन बनारस के राजा के वंशजों से लेने की पहल की। उन्हीं की प्रेरणा से ट्रस्ट बना और फिर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ।

पंडित मदन मोहन मालवीय वर्ष 1942 में मथुरा आए थे। उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान देखने की इच्छा जताई। जन्मस्थान पर तब कुछ नहीं था। शाही मस्जिद ईदगाह बनी थी और बड़े भूभाग पर ऊंचे टीले और बड़े-बड़े गड्ढे थे। यह नजारा देख वह भावुक हो गए। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा बताते हैं कि मालवीय जी ने कृष्ण जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध कटरा केशव देव की भूमि के स्वामित्व की जानकारी ली। बताया गया कि 13.37 एकड़ जमीन वाराणसी के राजा पटनीमल ने नीलामी में ली है। मदन मोहन मालवीय ने पटनीमल के वारिसानों से संपर्क किया। सेठ जुगलकिशोर बिड़ला से कटरा केशव देव के भव्य विकास और मंदिर के निर्माण कराने का आग्रह किया।

कपिल शर्मा बताते हैं कि मालवीय जी के प्रयास और सेठ जुगल किशोर बिड़ला के आर्थिक सहयोग से 1944 में राजा पटनीमल के वारिस राय किशन दास और राय आनंद दास ने पंडित मदन मोहन मालवीय, गोस्वामी गणेश दास और वीकेंद्र लाल आत्रेय के नाम जमीन का बैनामा कराया गया। वर्ष 1946 में पंडित मदन मोहन मालवीय का देहावसान हो गया। इसके बाद 1951 में उन्हीं की प्रेरणा से श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट बना था। 1956 में केशवदेव मंदिर का निर्माण शुरू हुआ और 1958 में बनकर तैयार हो गया।

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