केसर की क्यारी के लिए उतावले हो रहे किसान

नाबार्ड के जिला प्रभारी ने किया मुआयना हर तरह की मदद का आश्वासन जिले के अलावा आगरा और हाथरस के किसान भी देखने आ रहे खेती

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Apr 2019 11:53 PM (IST) Updated:Wed, 03 Apr 2019 11:53 PM (IST)
केसर की क्यारी के लिए उतावले हो रहे किसान
केसर की क्यारी के लिए उतावले हो रहे किसान

फरह(मथुरा), संसू। महुअन में भागवताचार्य किसान के खेतों में केसर की फसल देखने के लिए कई जिलों समेत आसपास के किसान पहुंच रहे हैं। नावार्ड ने जांच के लिए इसका सैंपल लिया है और केसर किसान को हर प्रकार की मदद का आश्वासन दिया है।

महुअन में केसर की खेती की खबर जागरण में प्रकाशित होने के बाद आगरा व हाथरस के अलावा मथुरा के क्षेत्रीय ग्रामीण भी किसान के खेत का अवलोकन करने आए हैं। किसान योगेंद्र व्यास ने बताया कि हर घंटे कोई न कोई जानकारी करने आ रहा है। जब उन्हें यकीन नहीं होता तो खेत का निरीक्षण करते हैं और चकित हो रहे हैं। इस बीच राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के जिला प्रभारी प्रवेश गुप्ता ने भी केसर का सैंपल लिया। उन्होंने बताया कि केसर कश्मीर के ठंडे मौसम में होती है। यहां केसर की फसल होना आश्चर्य की बात है। इसकी प्रजाति की जांच लैंब में कराई जाएगी। अमित इलेक्ट्रॉनिक्स के मालिक दुष्यंत कुमार ने भी खेत का अवलोकन किया और खेती करने की बात कही।

महुअन निवासी निवासी किसान योगेंद्र व्यास भागवताचार्य हैं। पलवल में भागवत के दौरान उनके एक मित्र ने उन्हें केसर की खेती की सलाह दी थी। इस पर उन्होंने एक बीघा खेत में 500 ग्राम बीज अस्सी हजार रुपये में लेकर बो दिया और वह पक कर तैयार है। पूरी केसर 15 दिन में टूट जाएगी। इसके बाद इसे दिल्ली मंडी भेजा जाएगा। केसर से भी महंगा है बीज:

योगेंद्र किसान ने बताया कि एक बीघा खेत में 15 से 20 किलो केसर होगी। करीब 70 किलो से लेकर एक कुंतल तक बीज भी हो जाएगा। बीज मंडी में डेढ़ लाख रुपये किलो तक बिकता है। केसर की लकड़ी भी हवन सामग्री व धूप बनाने के काम आती है।

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