याही कंस की दाड़ी लाए, याही कंस की मूंछें लाए

चतुर्वेदी समाज का श्री कृष्ण बलराम महोत्सव व कंसवध मेला संपन्न

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 11:44 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 11:44 PM (IST)
याही कंस की दाड़ी लाए, याही कंस की मूंछें लाए
याही कंस की दाड़ी लाए, याही कंस की मूंछें लाए

मथुरा, जासं: छज्जू लाए खाट के पाए, मार-मार लट्ठन झूरी करि आए, याही कंस की दाड़ी लाए, याही कंस की मूंछे लाए के मधुर भजनों के बीच चतुर्वेदी समाज के कंस वध मेला में अपार जनसमूह उमड़ पड़ा। हाथों में लाठियां लिए बच्चे, युवक और बुजुर्ग जोश से लबरेज दिखाई दिए। सभी की एक ही तमन्ना थी कैसे भी कंस के पुतले को लाठियों से पीटें । इस दौरान विश्राम घाट से लेकर कंस टीला तक का मार्ग आकर्षक विद्युतीय झालरों और तोरणद्वारों से दुल्हन की तरह सजा हुआ था।

श्री कृष्ण बलराम महोत्सव व कंसवध मेला के उपलक्ष्य में देश-विदेश से आए चतुर्वेदी समाज के लोगों ने परंपरागत वेशभूषा के साथ हाथों में चमचमाती लाठियों सहित भाग लिया। शुभारम्भ भगवान कृष्ण एवं बलराम के स्वरूप के पूजन के साथ हुआ। हनुमान गली से हाथी पर सवार होकर दोनों स्वरूप ढोल, नगाड़ों की मधुर धुनों के मध्य कंस टीले पर पहुंचे। यहां ठाकुर का इशारा मिलते ही युवाओं एवं बच्चों ने कंस के पुतले पर लाठ्यिां बरसाकर उसका अंत कर दिया। कंस के अखाड़े से युवा अत्याचारी कंस के चेहरे को रंगेश्वर, होली गेट, छत्ता बाजार होते हुए कंसखार पहुंचे। यहां कंस का अंत हुआ।

शोभायात्रा में विघ्नहर्ता गणपति गणेश की अलौकिक झांकी, प्रकाश बैंड की मधुर ध्वनि, महारास करते कृष्ण-राधा स्वरूप, प्रयास बैंड, शंकर पार्वती स्वरूप का भव्य नृत्य, कालियमर्दन स्वरूप की झांकी और बाबूलाल की शहनाई श्रद्धालुओं को लुभा रही थी। विश्राम घाट पर भगवान श्रीकृष्ण-बलराम की आरती उतारी और विश्राम घाट के सामने यमुना पार आकर्षक आतिशबाजी की गयी।

मेला में परिषद के मुख्य संरक्षक एवं तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक, संरक्षक गिरधारी लाल पाठक, संरक्षक गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, अर¨वद चतुर्वेदी भूरा, महामंत्री योगेन्द्र चतुर्वेदी, निरीक्षक कमल चतुर्वेदी, मंत्री राजकुमार, संजीव चतुर्वेदी, मोहित चतुर्वेदी, अनिल, अमित पाठक शामिल रहे।

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