मथुरा में वसंत में हुरियारे बनाए दानघाटी गिरिराज जी, भक्तों संग खेली होली

Vansant Panchami होली से दानघाटी मंदिर प्रांगण प्रेम के रंगों से सराबोर नजर आया। प्रात बेला में सेवायत मथुरा दास कौशिक लाला पंडित ने फाल्गुन की मस्ती व श्याम रंग में रंगी होली का शुभारंभ गिरिराजजी का केसर युक्त दूध से अभिषेक से किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 16 Feb 2021 03:45 PM (IST) Updated:Tue, 16 Feb 2021 03:45 PM (IST)
मथुरा में वसंत में हुरियारे बनाए दानघाटी गिरिराज जी, भक्तों संग खेली होली
गोवर्धन में होली के रंग बरसे तो भक्तों ने गिरिराज प्रभु को रंग-बिरंगे गुलाल से रंग दिया

मथुरा, जेएनएन। भगवान श्रीकृष्ट की जन्मभूमि मथुरा में मंगलवार से होली की शुरुआत हो गई। वसंत पंचमी में यहां पर सबसे गोवर्धन में होली खेली गई। इस दौरान गोवर्धन में होली के रंग बरसे तो भक्तों ने गिरिराज प्रभु को रंग-बिरंगे गुलाल से रंग दिया। हुरियारे बने गिरिराजजी को देख देर तक होरी के रसिया के जयघोष गूंजते रहे।

मंगलवार को भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप में विराजमान गिरिराज प्रभु के साथ होली खेली गई। इस होली से दानघाटी मंदिर प्रांगण प्रेम के रंगों से सराबोर नजर आया। प्रात: बेला में सेवायत मथुरा दास कौशिक लाला पंडित ने फाल्गुन की मस्ती व श्याम रंग में रंगी होली का शुभारंभ गिरिराजजी का केसर युक्त दूध से अभिषेक से किया। इसके बाद गिरिराज जी को गुलाल लगाकर रंग उड़ाए। प्रभु से रंग व फूलों से भक्तों ने भी जमकर होली खेली। ब्रज के मंदिरों में वसंत पंचमी से होली खेली जाती है, शाम को प्रभु का पीले फूलों से श्रंगार कर पीले रंग की मिठाइयों का भोग लगाया जाएगा।

सेवायत पवन कौशिक ने बताया कि गिरिराज जी के बिना होली का उत्सव अधूरा है। इसी उत्सव को पूर्ण करने के लिए हर वर्ष की भांति मंगलवार को होली महोत्सव मनाया है। दिल्ली से आए माधव शर्मा ने बताया कि ब्रज की होली जैसा आनंद दुनिया में दूसरी जगह देखने को नहीं मिलता है। यहां पर दानघाटी मंदिर के साथ मुकुट मुखारबिंद तथा जतीपुरा गिरिराज मंदिर पर भी रोजाना होली उत्सव मनाया जाता है। 

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