रंगोत्सव वाली हेमा यहां नहीं दिखीं..

श्रीकांत की हेमा से रंगोत्सव में दिखी तल्खी की झलक विकासोत्सव में और बढ़ती दिखी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 01 Sep 2018 12:11 AM (IST) Updated:Sat, 01 Sep 2018 12:11 AM (IST)
रंगोत्सव वाली हेमा यहां नहीं दिखीं..
रंगोत्सव वाली हेमा यहां नहीं दिखीं..

पवन निशान्त, मथुरा: ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने यह कहा कि शासन से आने वाली पाई-पाई ब्रज के विकास में लगेगी। इस पर शायद सभी ने उनके कैरियर रिकॉर्ड को देखकर भरोसा किया होगा। लेकिन ब्रज तीर्थ विकास परिषद के जरिए भाजपा के स्थानीय क्षत्रप इसे आने वाले समय में अपनी राजनीति का मंच बना लेंगे। इसके संकेत मंच पर चले करीब दो घंटे के कार्यक्रम में साफ मिल गए।

अक्षय पात्र फाउंडेशन के पंडाल में हुई सभा के दौरान ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपनी तल्खी सांसद हेमा मालिनी के साथ अपने संबोधन में जाहिर कर दी। मंच के सामने बैठे नेता और कार्यकर्ता इससे पहले ही अपने अंदाज में भविष्यवाणी कर चुके थे कि श्रीकांत शायद ही हेमा का नाम अपने संबोधन में लें। हुआ भी यही। उन्होंने मंच पर आसीन संतों के अलावा अपने समकक्ष मंत्रियों का नाम लिया और इसके बाद जिलाध्यक्ष तक का नाम लिया, लेकिन सांसद का नाम उन्होंने नहीं लिया।

हद तो तब हो गई, जब एक के बाद एक संबोधन होते रहे और संचालिका ने अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उद्बोधन के लिए आमंत्रित कर लिया। इस पर सभी दर्शक अवाक रह गए। पीछे बैठी कार्यकर्ताओं की भीड़ से हेमा-हेमा की आवाज आने लगी। लोग उन्हें सुनना चाहते थे, लेकिन संचालिका ने फिर से सीएम योगी का नाम ले लिया। इस बीच पर मंच पर कुछ हलचल हुई। योगी आदित्यनाथ इसे भांप गए और उन्होंने अपने बराबर बैठीं सांसद से बोलने की अपील की। लेकिन तब तक शायद देर हो चुकी थी। हेमा के चेहरे पर कई रंग तेजी से आए और गए। योगी और हेमा के बीच एक मिनट की बातचीत के बाद वह संबोधन को आए और अंत में आभार जताने के लिए हेमा को बुलाया गया। वह बोलीं, लेकिन अपने वेग में शायद वह नहीं रही। उन्होंने संक्षिप्त में ही आभार निपटा दिया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि इसी साल फरवरी में हुए रंगोत्सव वाली हेमा यहां नहीं दिखी।

भाजपा के स्थानीय क्षत्रपों के बीच के शीतयुद्ध का अंदाजा शायद मुख्यमंत्री को भी है। उन्होंने जिस तरह फरवरी में हुए रंगोत्सव में हेमामालिनी का नाम मंच से सोलह बार लिया था, इसमें कंजूसी उन्होंने यहां भी नहीं की। कई बार उनका नाम लिया और उनका सम्मान बढ़ाया। कार्यक्रम के बाद भाजपाइयों में यह भारी चर्चा का विषय रहा। हर कोई अब इस शीत युद्ध को लोकसभा टिकट से जोड़कर देख रहा है। सीएम योगी ने रखा लक्ष्मी का मान

मथुरा: मुख्यमंत्री योगी ने संस्कृति मंत्री चौ. लक्ष्मी नारायण का भी मान रखा। लक्ष्मी नारायण ने किसानों की एक मांग को अस्पष्ट रखते हुए समय आने पर उनके सामने रखने की बात मंच से कही तो सीएम ने भी अपने भाषण के अंत में साफ कह दिया कि वह उन्हीं के क्षेत्र में इस मांग को मानने की घोषणा करेंगे।

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