पीवीटी प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी
जागरण संवाददता, मथुरा: उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय वेटेरिनरी विवि की बड़ी गड़बड़ी सामने आई है।
जागरण संवाददता, मथुरा: उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय वेटेरिनरी विवि की बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। 18 घंटे में विवि ने पीवीटी 2018 (प्रवेश परीक्षा) का रिजल्ट तीन बार साइड पर अपलोड किया, इसके कारण छात्र-छात्राओं में ऊहापोह की स्थिति बनी रही। छात्रों ने परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। इधर, विवि प्रबंधन मामले को छिपाने में लगा हुआ है।
उप्र पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विवि एवं गो अनुसंधान संस्थान मथुरा की मुख्य प्रवेश परीक्षा रविवार को तीन केंद्रों पर हुई थी। परीक्षा में 1680 छात्रों ने पंजीकरण कराया, जबकि 379 छात्र अनुपस्थित रहे। कुल 1301 छात्र-छात्राएं ने परीक्षा दी। विवि प्रबंधन ने वाहवाही लूटने के लिए प्रवेश परीक्षा के छह घंटे बाद ही पीवीटी 2018 का रिजल्ट घोषित कर दिया।
रविवार का अवकाश होने के कारण रिजल्ट घोषित कर अफसर घर चले गए। इधर, रिजल्ट जारी होते ही छात्रों में उत्सुकता बढ़ी और उन्होंने विवि की वेबसाइट पर जाकर रिजल्ट देखा ही नहीं, उसे डाउनलोड भी कर लिया। सोमवार को जब विवि खुला और अफसर कार्यालय पहुंचे तो उन्हें रिजल्ट में गड़बड़ी का अहसास हुआ। तत्काल 10 बजे संशोधित रिजल्ट जारी कर दिया, पर इससे भी अफसर संतुष्ट नहीं दिखे। अंतत: दोपहर 12 बजे तीसरी बार रिजल्ट संशोधन और विशेष नोट के बाद जारी किया गया।
तीन बार रिजल्ट अपलोड करने के बाद परीक्षा परिणाम की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठ गए। कारण पहली लिस्ट में जिस छात्र की 198 रैंक आई, दूसरी लिस्ट में उसका रोल नंबर ही गायब था। यहां तक कि दूसरी लिस्ट में सीरियल नंबर भी नहीं थे। रिजल्ट में गड़बड़ी प्रकाश में आने के बाद से विवि प्रबंधन गलतियों को छिपाने में लग गया है। वह इसे मानवीय भूल बता संशोधित रिजल्ट जारी करने की बात तो कर रहा है, पर आखिर ऐसा हुआ कैसे और किससे, दोषी पर कार्रवाई करने से बच रहा है। -पहली सूची में सभी 1301 छात्रों के नाम शामिल थे। अर्थात क्वालीफाई और नॉन क्वालीफाई दोनों छात्रों के नाम शामिल थे। संशोधित सूची में केवल क्वालीफाई छात्रों की सूची जारी की गई है।
डॉ. दयाशंकर पांडेय, परीक्षा नियंत्रक
-पीवीटी का रिजल्ट पूरी पारदर्शिता के साथ जारी किया गया है। मानवीय भूल के चलते दो बार सूची अपलोड करनी पड़ी। इसमें किसी तरह का मैन्यूप्लेशन नहीं किया गया है।
डॉ. केएमएल पाठक, वीसी
सवाल जो कौंध रहे
1. तीन बार रिजल्ट अपलोड करने की जल्दबाजी आखिर क्यों की गई?
2. जिस छात्र की पहली लिस्ट में 198 रैंक थी, वह दूसरी में गायब क्यों हो गया?
3. पहली सूची में पांच पेज थे, जबकि दूसरी लिस्ट में चार पेज ही क्यों रह गए?
4. दोषी कर्मचारी पर विवि स्तर पर आखिर क्या कार्रवाई की गई?