दीनदयाल के अंत्योदय को समझने का वक्त : योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने यहां भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय और गाय आधारित अर्थव्यवस्था की बात कही।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sun, 11 Feb 2018 03:17 PM (IST) Updated:Sun, 11 Feb 2018 03:17 PM (IST)
दीनदयाल के अंत्योदय को समझने का वक्त : योगी आदित्यनाथ
दीनदयाल के अंत्योदय को समझने का वक्त : योगी आदित्यनाथ

मथुरा (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा को आज नायाब तोहफा दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय को समझने का समय आ गया है। राज्यपाल राम नाईक के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वेटरिनरी विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया।

मथुरा के वृंदावन में महामना गो ग्राम का भूमि पूजन पर आज वेटेरिनरी विश्वविद्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने यहां भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय और गाय आधारित अर्थव्यवस्था की बात कही। उन्होंने बताया कि किस तरह एकात्म मानववाद और अंत्योदय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बात कहता है। यही सही समय है जब पंडित जी के विचारों को समझा और उसे लागू किया जाए।

इस मौके पर उन्होंने विश्वविद्यालय में नए सत्र से कालेज आफ डेरी साइंस और कालेज आफ फिशरीज के शुरू किए जाने की घोषणा की। करीब एक बजे वेटेरिनरी विश्वविद्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल राम नाइक के साथ परिसर में बने पार्क में लगी दीनदयाल की मूर्ति का अनावरण किया। इस मौके पर उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय के विचारों के बारे में बताया।

 

उन्होंने कहा कि पंडितजी आजादी के बाद उन कुछ लोगों में से एक थे जिन्होंने भारत को भारत की दृष्टि से देखे जाने की वकालत की। उन्होंने खेती, पशुपालन और बागवानी को साथ लेकर चलने की बात कही। उन्होंने ही कहा कि धर्मस्थल केवल पूजाघर नहीं है। यह सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना के केंद्र होने चाहिए। उनकी औद्योगिक नीति सात 'एम' पर टिकी है। वह औद्योगिक नीति में मनुष्य, माल, मुद्रा, मशीनरी, मनी, मैनेजमेंट और प्रेरक शक्ति को साथ लेकर चलने की बात कहते थे। योगी न सभी को दीनदयाल उपाध्याय के वांग्मय के साथ राममनोहर लोहिया के वांग्मय को पढऩे की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है वेटेरिनरी विवि उपाध्याय जी के अंत्योदय के मिशन पर काम कर रहा है। इसके लिए जरूरी है कि वह गाय आधारित अर्थव्यवस्था पर काम करे। इसके लिए विश्वविद्यालय का पहला काम यह होना चाहिए कि वह गायों की दुग्ध क्षमता बढ़ाने पर काम करे। भारतीय नस्ल के गोवंश पर शोध हो और हर गाय का दूध उत्पादन 25 लीटर तक पहुंचे। दूसरा काम गोबर से गैस बनाने पर किया जाना चाहिए। इसके लिए आवारा जानवरों का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा करने से एलपीजी पर होने वाले खर्च को कम किया जा सकता है।

उन्होंने सभी से विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने में सहयोग की अपील की। इस मौके पर राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि प्रदेश और देश का चित्र बदल रहा है। 

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