यमुना की धारा चीर बिना मंजूरी बना दिया 80 फीट का रास्ता

दो वर्ष से चल रहा काम प्रशासन ने आंखों पर पंट्टी बांधी, पर्यावरण के संरक्षण के नाम पर कृष्ण की कालिंदी को बर्बाद किया

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Oct 2018 12:24 AM (IST) Updated:Sat, 20 Oct 2018 12:24 AM (IST)
यमुना की धारा चीर बिना मंजूरी बना दिया 80 फीट का रास्ता
यमुना की धारा चीर बिना मंजूरी बना दिया 80 फीट का रास्ता

योगेश जादौन, मथुरा: ताज कॉरीडोर से हुए पर्यावरण के नाश को भूल जाइए। मथुरा में कृष्ण की कालिंदी पर जो किया जा रहा है, वह महानाश है। नदी की धारा को चीरकर 80 फीट चौड़ी और छह फीट ऊंची कच्ची सड़क का निर्माण कर दिया गया है। यमुना मिशन की ओर से पर्यावरण बचाने के नाम पर किए गए कार्य के लिए किसी से मंजूरी भी नहीं ली गई। पिछले दो वर्ष से चल रहे कार्य में धार्मिक महत्व के अति प्राचीन घाटों और यमुना की धार के बीच दीवार खड़ी हो गई है।

'यमुना जी के वास्ते, खाली कर दो रास्ते।' वर्ष 2012 में बनी निजी संस्था यमुना मिशन का यह सूत्र वाक्य है। रास्ते यहां खाली नहीं किए जा रहे,बनाए जा रहे हैं। गैर सरकारी संगठन की ओर से कंसटीला से लेकर मोक्षधाम तक करीब नौ किमी के विशाल इलाके में नदी की तलहटी में 80 फीट तक पाथ वे बनाया जा रहा है। इसके आधे में पौधरोपण कर दिया है, जबकि आधे क्षेत्र का प्रयोग रास्ते के रूप में ही होगा। इसे यमुना मिशन मार्ग नाम दिया गया है। ये रास्ता वृंदावन तक बनाया जाएगा। निर्माण कार्य के लिए दस नालों को मोड़ा गया है। रास्ते के किनारे पौधरोपण कर फें¨सग का कार्य चल रहा है। यही नहीं, बीच-बीच में मंदिर बना दिए गए हैं। कंसटीला और कृष्णगंगा घाट के पास यमुना मिशन नाम से नए घाट का भी निर्माण कर दिया गया है। यहां बच्चों के खेलने को झूले लगाकर इसे महिला पार्क नाम दिया गया है। रास्ते में सोलर लाइट लगाई गई हैं और जल निकासी को पाइप लाइन भी डाली गई है।

किसी से नहीं ली अनुमति:

यदि यमुना रिवर बेड क्षेत्र में किसी तरह का कार्य करना भी होता है, तो इसके लिए केंद्रीय जल प्राधिकरण की अनुमति सबसे पहले जरूरी होती है। पक्के निर्माण के लिए मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण की मंजूरी जरूरी होती है। मगर इस काम के लिए किसी भी विभाग की तरफ से कोई अनुमति नहीं मिली है। ' मुझे जानकारी नहीं है। जल्द ही इस मामले को दिखवाकर उचित कार्रवाई की जाएगी।'

- सर्वज्ञराम मिश्र, जिलाधिकारी

'यमुना नदी ¨सचाई विभाग की संपत्ति है। मगर, इसकी देखरेख के काम के लिए यमुना रिवर बोर्ड का गठन हुआ है। अगर कोई अनुमति होगी तो वहीं से होगी। मुझे कोई जानकारी नहीं है।'

एमएम ¨सह, अधिशासी अभियंता, ¨सचाई विभाग के नोडल अधिकारी

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