प्रशांत भूषण को माफी नहीं, कार्रवाई चाहते हैं संत

जागरण संवाददाता, वृंदावन (मथुरा): सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने भगवान श्रीकृष्ण पर दिए बय

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Apr 2017 06:46 PM (IST) Updated:Tue, 04 Apr 2017 06:46 PM (IST)
प्रशांत भूषण को माफी नहीं, कार्रवाई चाहते हैं संत
प्रशांत भूषण को माफी नहीं, कार्रवाई चाहते हैं संत

जागरण संवाददाता, वृंदावन (मथुरा): सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने भगवान श्रीकृष्ण पर दिए बयान पर भले ही माफी मांग ली हो। मगर, यहां का संत समाज उन्हें किसी भी कीमत पर माफ करने को राजी नहीं है। संतों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। संत, महंत व ¨हदूवादी लोगों ने भूषण के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

जिसने धर्म न जाना कृष्ण को क्या जानेगा: देवकीनंदन

भागवत प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा को शुरू हुए अभियान के विरोध पर श्रीकृष्ण पर टीका टिप्पणी बर्दाश्त नहीं होगी। हिंदू देवी देवताओं पर ऐसे बयान देने वालों का सामूहिक बहिष्कार किया जाना चाहिए। दूसरे धर्मों पर सवाल उठाने की हिम्मत नहीं। लेकिन अब यह चलने वाला नहीं। न्यायालय को इसका संज्ञान लेकर हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ होने से रोकना चाहिए। सनातन धर्मियों का धैर्य पूरा हो रहा है।

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श्रीकृष्ण के संदेश पर चल रही आजीविका: हरिबोल बाबा

महंत हरबोल बाबा ने कहा कि जिस वकालत के पेशे से प्रशांत भूषण अपनी जीविका चला रहे हैं, उसमें गीता की कसम दिलाई जाती है। गीता श्रीकृष्ण की वाणी से उत्पन्न हुई है। अगर श्रीकृष्ण चारित्रक दोषी हैं तो क्यों न्यायालय में गीता की कसम दिलाई जाती है। जो कृष्ण का सम्मान ना कर सके वह गीता का क्या सम्मान करेगा।

श्रीकृष्ण में था था वात्सल्य भाव : गंगाजीवाले बाबा

संत आनंदस्वरूप गंगाजीवाले बाबा कहते हैं कि महारास के समय भी भगवान श्रीकृष्ण की अवस्था 6 वर्ष की थी। साढे ग्यारह वर्ष की आयु में श्रीकृष्ण ने ब्रज छोड़ दिया था। गोपियों ने श्रीकृष्ण पर सखा भाव भी लुटाया और वात्सल्य भी उमेड़ा। मां यशोदा भी कन्हैया की नटखट लीला का आनंद लेती थीं। ऐसे मूर्खों ने बेटियों की सुरक्षा के लिए चलाए गए एक जरूरी अभियान का विरोध करने के लिए लाखों लोगों की आस्था के केंद्र श्रीकृष्ण पर टीका टिप्पणी की है। इनपर कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

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बयान दर्शाता है भूषण की मानसिक स्थिति: नवल गिरि

महामंडलेश्वर नवल गिरि ने कहा कि प्रशांत भूषण भले ही सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। मगर, उनके बयानों से प्रतीत होता है कि उम्र के साथ उनकी मानसिक स्थिति भी बिगड़ चुकी है। माफी मांगने भर से उन्हें बख्शा नहीं जा सकता। उनके खिलाफ उसी अदालत में कड़ी सजा होनी चाहिए। जिस अदालत में गीता की कसम दिलाकर लोगों को जीवन भर न्याय दिलाने की बात करते रहे।

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