स्टॉक भरपूर, फिर क्यों लौटाए जा रहे मरीज

सीएचसी-पीएचसी पर नहीं लग रहे एआरवी के इंजेक्शन, सीएमओ कर रहे दावा, पर्याप्त मात्रा है एआरवी की खेप।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Feb 2019 08:39 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 08:39 PM (IST)
स्टॉक भरपूर, फिर क्यों लौटाए जा रहे मरीज
स्टॉक भरपूर, फिर क्यों लौटाए जा रहे मरीज

केस एक : विकास खंड घिरोर के गांव महटोली के श्रीराम (42) और गांव ओय के आनंद (11) को बंदरों ने काट लिया था। इलाज के लिए न्यू पीएचसी, घिरोर पहुंचे, लेकिन एआरवी न होने की बात कहकर लौटा दिया गया। केस दो : सीएचसी औंछा पर तो कई महीनों से एआरवी की खेप पहुंची ही नहीं। यहां से पीड़ित मरीजों को जिला अस्पताल आना पड़ता है। तैनात डॉ. प्रवीन कुमार सप्ताह में दो दिन ही केंद्र पर बैठते हैं। केस तीन : विकास खंड करहल के गांव अहलादपुर के हृदेश कुमार आवारा कुत्ते के काट लेने से उपचार कराने सीएचसी पहुंचे थे लेकिन एआरवी न होने की कहकर उन्हें वापस भेज दिया गया। मैनपुरी, जागरण संवाददाता। जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से कुत्ता-बंदर काटे के मरीजों को लौटाया जा रहा है। एंटी रेबीज वैक्सीन न होने की बात कहकर रोजाना दर्जनों मरीजों को जिला अस्पताल की राह दिखाई जा रही है, लेकिन सीएमओ का दावा है कि सीएचसी और पीएचसी पर एआरवी की कोई कमी नहीं है।

प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके ¨सह का कहना है कि जिला अस्पताल को एआरवी का सीमित स्टाक दिया जाता है जो शहरी आबादी के हिसाब से होता है। रोजाना लगभग 70 से 80 फीसद पीड़ित यहां देहात से आते हैं। ऐसे में जिला अस्पताल का ज्यादातर स्टाक उन पर ही खर्च हो जाता है। जब पूरे जिले के मरीजों को अस्पताल ही उपचार देगा तो फिर सीएचसी-पीएचसी पर भेजे जाने वाले एआरवी का स्टाक भी हमें ही उपलब्ध करा दिया जाए। सीएमओ डॉ. एके पांडेय ने कहा कि वैसे तो सीएचसी-पीएचसी पर पर्याप्त एआरवी हैं, लेकिन कोई मरीज सीधे जिला अस्पताल आता है तो अस्पताल प्रशासन उसे वापस नहीं लौटा सकता। अगर, इंजेक्शन खत्म हो जाएं तो अस्पताल प्रशासन सूचना दे। तत्काल स्टाक उपलब्ध कराया जाएगा।

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