सूनी न रहे भाई की कलाई, छुट्टी में दौडे़ डाकिया

मैनपुरी जासं। रक्षाबंधन पर कोई कलाई सूनी न रहे इसीलिए डाकियों ने छुट्टी के दिन भी दौड़ लगाई। दूर-दराज से भेजे गए 1140 राखियों के लिफाफे गंतव्य तक पहुंचाए गए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Aug 2020 09:21 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 06:07 AM (IST)
सूनी न रहे भाई की कलाई, छुट्टी में दौडे़ डाकिया
सूनी न रहे भाई की कलाई, छुट्टी में दौडे़ डाकिया

जासं, मैनपुरी: रक्षाबंधन पर कोई कलाई सूनी न रहे, इसीलिए डाकियों ने छुट्टी के दिन भी दौड़ लगाई। दूर-दराज से भेजे गए 1140 राखियों के लिफाफे गंतव्य तक पहुंचाए गए।

कोरोना के संक्रमण की वजह से इस बार त्योहार का उल्लास पहले से फीका है। उस पर शासन की पाबंदी ने लोगों की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ा दीं हैं। हालांकि, थोड़ी राहत दी है, लेकिन वह नाकाफी साबित हुई। दूर-दराज में रहने वाले भाई और बहनें इस बार अपने घरों तक नहीं पहुंच सके हैं, लेकिन उनकी राखियां जरूर आई हैं।

रविवार को शासन के निर्देश पर बंदी के बावजूद डाक विभाग के सभी कार्यालयों का संचालन कराया गया। सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व होने की वजह से रविवार को छुट्टी के दिन डाकघर खुले और डाकियों को बुलाया गया। यहां दूर-दराज से आए 1140 राखियों के लिफाफों की इलाकों के हिसाब से पहले छंटनी कराई गई और बाद में उन्हें संबंधित क्षेत्रों के डाकियों को वितरण के लिए उपलब्ध कराया गया।

दिनभर डाकियों ने भ्रमण कर निर्धारित पतों पर लिफाफे पहुंचाकर अपनी जिम्मेदारी निभाई। डाक अधीक्षक विनय का कहना है कि कोरोना की वजह से बहुत सी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम राखियों को समय पर पहुंचाएं। जितनी पोस्ट से राखियां आई थीं, उन सभी का वितरण करा दिया गया है।

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