ऑक्सीजन ने ली हिचकी, शिशु की सांस थमी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक नवजात की मौत हो गयी। उसका कारण कि वहां जीवनरक्षक इंतजाम नहीं थे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Oct 2018 12:02 AM (IST) Updated:Mon, 22 Oct 2018 12:02 AM (IST)
ऑक्सीजन ने ली हिचकी, शिशु की सांस थमी
ऑक्सीजन ने ली हिचकी, शिशु की सांस थमी

संसू, कुरावली (मैनपुरी): सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक नवजात की मौत से जीवनरक्षक इंतजामों की कलई खुल गई। शिशु के मास्क लगाते ही सिलिंडर की ऑक्सीजन हिचकियां लेने लगीं। जिम्मेदारी से हाथ खींचने को आनन-फानन में शिशु को रेफर कर दिया। मगर, एंबुलेंस भी ऑक्सीजन नहीं थी। शिशु ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। परिजनों द्वारा दी गई शिकायत को भी केंद्र प्रभारी दबाए रहे।

थाना क्षेत्र के गाव पुनूपुरा निवासी आशीष गौतम की पत्नी प्रियंका को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 20 अक्टूबर की सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुरावली में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि यहां ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स ज्योती और रीना ने प्रसव के नाम पर 800 रुपये सुविधा शुल्क मांगा। जच्चा और बच्चा की ¨जदगी को देखते हुए परिजनों ने ये रुपये दे भी दिए। सुबह करीब 10 बजे बच्चे ने जन्म लिया।

परिजनों का आरोप है कि जन्म के कुछ ही देर बाद शिशु की सांसें उखड़ने लगीं। स्टाफ नर्स ने ऑक्सीजन मास्क लगा दिया, लेकिन थोड़ी ही देर बाद सिलिंडर से ऑक्सीजन खत्म हो गई। गैस खत्म होते ही बच्चे की हालत बिगड़ने लगी। अपनी जिम्मेदारी से बचने को आनन-फानन जच्चा और बच्चा दोनों को जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया। परिजनों का आरोप है कि जिस एंबुलेंस से दोनों को जिला अस्पताल ले जा रहे थे, उसमें भी ऑक्सीजन नहीं थी। ऑक्सीजन की कमी से नवजात ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

18 घंटे दबाए रखे मामला

शिशु की मौत के बाद परिजनों ने 20 अक्टूबर की रात करीब दस बजे अस्पताल पहुंचकर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मुनींद्र ¨सह चौहान को शिकायती पत्र देकर दोषी नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन, चिकित्सा अधीक्षक 18 घंटों तक इस शिकायती पत्र को छिपाए रहे। न तो स्टाफ नर्सों के खिलाफ कोई कार्रवाई कराई गई और न ही जांच सौंपी गई।

'यह सच है कि बच्चे की मौत के बाद शनिवार की रात 9:45 बजे ही परिजनों ने शिकायत दी थी। लेकिन, उस वक्त उनके रुख से ऐसा नहीं लग रहा था कि वो इतने ज्यादा नाराज होंगे। दोबारा शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है।'

डॉ. मुनींद्र ¨सह चौहान

चिकित्सा अधीक्षक, सीएचसी कुरावली।

'यह बेहद गंभीर मामला है। ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं लाया गया है। नवजात की मौत के मामले में दोषी चिकित्सकों और स्टाफ नर्सों के खिलाफ निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।'

डॉ. अशोक कुमार पांडेय

सीएमओ, मैनपुरी।

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