देवोत्थान पर जिले में गूंजी शहनाई

चार माह की लंबी नींद के बार सोमवार को घर-घर में देव उठनी एकादशी पर देवों को उठाया गया। शाम को घर के चौक या आंगन में पूजा की गई। देवोत्थान एकादशी के साथ ही शादी-विवाह की शुरुआत हो गई। देवोत्थान एकादशी के मौके पर शहर शादी की शहनाई से गूंज उठा। जिले करीब दौ सौ से अधिक जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 10:36 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 10:36 PM (IST)
देवोत्थान पर जिले में गूंजी शहनाई
देवोत्थान पर जिले में गूंजी शहनाई

जासं, मैनपुरी: चार माह की लंबी नींद के बार सोमवार को घर-घर में देव उठनी एकादशी पर देवों को उठाया गया। शाम को घर के चौक या आंगन में पूजा की गई। देवोत्थान एकादशी के साथ ही शादी-विवाह की शुरुआत हो गई। देवोत्थान एकादशी के मौके पर शहर शादी की शहनाई से गूंज उठा। जिले करीब दौ सौ से अधिक जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।

देवोत्थान पर घरों में तुलसी शालिग्राम का पूजन के साथ विवाह कराया गया। मान्यता यह है कि आज किया गया मांगलिक कार्य जीवन में हमेशा सुख समृद्धि लाता है। जिले में करीब दो सौ से अधिक जोड़ों ने प्रेम की डोर को पकड़ने का संकल्प लिया है। शहर में मैरिज होम के बाहर वाहनों की भीड़ लगी रही। सड़कों और बाजारों में बरात निकलने से कई बार जाम लग गया। बड़ा बाजार पर रात्रि करीब आठ बजे जाम लगा, जो आधे घंटे बाद खुल सका। इस दौरान लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

घर-घर उठाए गए देवता

सोमवार को देवोत्थान एकादशी पर घर-घर में देवताओं को उठाया गया। घरों में दीवार पर देवों की प्रतिमा को बनाकर शाम को महिलाओं ने एकजुट होकर देवों को जगाया। भजन गाकर उन्हें नमन किया। उनसे घर की सुख शांति की कामना की। इस मौके पर गन्ने, ¨सघाड़े घर में बने भोजन से देवों को भोग लगाया गया। यही प्रसाद आस-पड़ोस अन्य लोगों में भी वितरित किया गया। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई। लोगों को तुलसी-शालिग्राम की कथा सुनाई गई। महिलाओं ने अपने परिवार में सुख समृद्धि के लिए देवताओं से स्तुति की।

chat bot
आपका साथी