जिला अस्पताल में कोरोना जांच बनी मजाक

ढूंढे नहीं मिलते कर्मचारी घंटों जांच के लिए भटकते हैं लोग अस्पताल प्रशासन भी बना अनजान

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 06:10 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 06:10 AM (IST)
जिला अस्पताल में कोरोना जांच बनी मजाक
जिला अस्पताल में कोरोना जांच बनी मजाक

जासं, मैनपुरी: शासन के आदेश हैं कि प्रत्येक संदिग्ध की कोरोना जांच कराई जाए। इसके लिए जिला अस्पताल में भी इंतजाम कराए गए हैं, लेकिन ये इंतजाम कागजों पर ही संचालित हो रहे हैं। बुधवार को तो स्थिति बदतर दिखी। इमरजेंसी में सैंपल लेने के लिए टीम ही नहीं दिखी। जांच से पहले पंजीकरण के लिए भी लोगों को इधर से उधर भटकना पड़ा। कई लोग यहां जांच कराने के लिए पहुंचे, लेकिन बदतर व्यवस्था से परेशान होकर बिना जांच के ही लौट गए। कागजों में व्यवस्था है कि इमरजेंसी में हेल्प डेस्क पर कर्मचारी बैठेंगे। वे मरीज और उनके साथ आने वाले तीमारदारों की थर्मल स्कैनिग कर उनके सैंपल लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इमरजेंसी की कमान इंटर्नशिप करने वाले युवाओं के हाथों में सौंप दी गई है।

कोतवाली पुलिस भी करती रही इंतजार

बुधवार की दोपहर कोर्ट द्वारा एक आरोपित को जेल भेजने के आदेश दिए गए। जेल ले जाने से पहले उसकी कोरोना जांच करानी थी। लिहाजा, पुलिसकर्मी उसे लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे। यहां लगभग एक घंटे तक पुलिसकर्मी सैंपलिग टीम का इंतजार करते रहे। बहुत देर बाद बुलाए जाने पर सैंपल लेने के लिए टीम के सदस्य पहुंचे। खुद भाजपा जिलाध्यक्ष को अपनी सैंपलिग कराने के लिए फार्मेसिस्ट की मदद लेनी पड़ी।

हेल्प डेस्क दिखावा, पीपीई किट हुई गायब

जिला अस्पताल की हेल्प डेस्क दिखावा बनी हुई है। इमरजेंसी और इंडोर में इसका संचालन नहीं हो रहा है। सैंपल लेने वाली टीम भी बिना पीपीई किट के मरीजों का सैंपल ले रही है। इंडोर के वार्डों में मरीजों के बिस्तरों पर तीमारदारों की भीड़ को भी नहीं रोका जा रहा है। यह स्थिति अस्पताल में संक्रमण को बढ़ा सकती है।

इमरजेंसी की कोविड हेल्प डेस्क को सक्रिय कर दिया गया है। यहां सुबह से लेकर रात आठ बजे तक मरीजों और उनके साथ आने वालों की सैंपलिग की व्यवस्था कराई जाएगी। यदि लापरवाही मिलती है तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी। डा. अशोक कुमार, प्रभारी सीएमएस

जिला अस्पताल। केस एक : कस्बा बिछवां निवासी सुरेंद्र (38) दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। परिवार की शादी में शामिल होने से पहले बुधवार को वह अपनी कोरोना जांच कराने के लिए जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे। घंटे भर तक इंतजार के बाद भी जांच नहीं हुई तो वापस कलक्ट्रेट पहुंच गए। केस दो : शहर के महमूदनगर निवासी आरिफ (25) भी लक्षण प्रतीत होने पर इमरजेंसी में जांच के लिए पहुंचे, लेकिन देर तक इंतजार करने के बावजूद उनकी जांच नहीं हुई।

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