जनवरों के नियंत्रण की हवा में कार्रवाई

रेबीज के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए अब निकायों को जानवरों की आबादी नियंत्रण करने के लिए काम करना होगा। इस संबंध में नगर निकाय अब तक लापरवाही बरतती रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 10:37 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jun 2018 10:37 PM (IST)
जनवरों के नियंत्रण की हवा में कार्रवाई
जनवरों के नियंत्रण की हवा में कार्रवाई

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : रेबीज के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए अब निकायों को एनीमल बर्थ कंट्रोल की पॉलिसी पर काम करना होगा। लेकिन, नगर पालिका प्रशासन के पास आवारा श्वान से संबंधित कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। शासन का फरमान आने के बाद पालिका प्रशासन में खलबली मची हुई है।

रेबीज के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए स्थानीय निकाय निदेशक अखिलेश ¨सह ने निकायों को पत्र जारी कर आवारा श्वान पर काबू करने के निर्देश दिए हैं। कार्रवाई प्रभावी ढंग से हो, इसके लिए नगर पालिका और नगर पंचायत को एनीमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (डॉग्स) बनाना होगा। प्रत्येक निकाय में आवारा श्वान को पकड़कर गणना के साथ उनका बंध्याकरण कराना होगा।

पालिका प्रशासन की स्थिति अब खराब है। बंध्याकरण कराना तो दूर की बात, पालिका के पास अभी तक आवारा श्वान से संबंधित कोई आंकड़ा तक मौजूद नहीं है। शासन का फरमान आने के बाद अब पालिका प्रशासन में खलबली मची हुई है। आनन-फानन में सभासदों और पालिकाकर्मियों की मदद से शहर के आवारा श्वान का आंकड़ा जुटाने के निर्देश दिए हैं।

प्रभारी अधिशासी अधिकारी रामअचल का कहना है कि शासन का पत्र मिलने के बाद एबीसी सेंटर खुलवाने की व्यवस्था कराई जाएगी। फिलहाल, शहर के आवारा श्वान से संबंधित आंकडे़ जुटाने की कवायद कराई जा रही है।

लाखों की लागत से खरीदी थी कैटल कैचर, अब करा रहे फॉ¨गग

पालिका प्रशासन ने पांच वर्ष पूर्व लगभग पौने पांच लाख रुपये की लागत से कैटल कैचर वाहन की खरीद की थी। खरीदने के बाद इस वाहन को वाटर व‌र्क्स में खड़ा करा दिया गया। आज तक एक भी आवारा जानवर की पकड़ नहीं कराई गई। लगभग साढे़ तीन साल तक खड़ा रहने के बाद जब वाहन कंडम होने लगा तो बनावट से छेड़छाड़ कर उसे फॉ¨गग वाहन में तब्दील करा दिया गया। एक छोटी फॉ¨गग मशीन लगवाकर उससे शहर में फॉ¨गग कराई जाने लगी। पालिका कर्मियों ने बड़ा खेल कर सरकारी रिकॉर्ड में भी जुगाड़ के इस वाहन को फॉ¨गग मशीन बताकर दर्ज कर लिया। अब जब शासन ने एनीमल बर्थ कंट्रोल का फरमान जारी किया है तो कैटल कैचर वाहन का वर्षों पुराना जिन्न भी बोतल से बाहर आने लगा है।

प्रतिदिन आधा सैकड़ा आ रहे आवारा श्वान के शिकार

जिला अस्पताल में प्रतिदिन आवारा श्वान के शिकार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। रोजाना लगभग आधा सैकड़ा मरीज इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। एंटी रेबीज वैक्सीन न होने के कारण उन्हें प्राइवेट मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर उपचार कराना पड़ रहा है।

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