645 किसानों को सत्यापन का इंतजार

सत्यापन न होने की वजह पंचायत चुनाव बना है। लेखपाल और राजस्वकर्मी लापरवाह से काम कर रहे हैं। 1039 किसानों के पीएफएमएस से बैंक खाता सत्यापन का काम भी फंसा हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 05:15 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 05:15 AM (IST)
645 किसानों को सत्यापन का इंतजार
645 किसानों को सत्यापन का इंतजार

जासं, मैनपुरी: शासन गेहूं खरीद में तेजी लाने की हिदायत दे रहा है, लेकिन यहां रफ्तार बहुत कम है। कोरोना क‌र्फ्यू और किसानों के नहीं आने का हवाला दिया जा रहा है, जबकि हकीकत यह है कि जिम्मेदारों की लापरवाही से किसान गेहूं नहीं बेच पा रहे हैं। गेहूं बेचने के लिए किसानों का सत्यापन जरूरी किया गया है। जबकि 645 किसानों का सत्यापन लंबित पड़ा है।

किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू की गई। किसानों द्वारा 50 कुंतल से अधिक गेहूं बेचने पर लेखपाल के सत्यापन और उपजिलाधिकारी की रिपोर्ट मांगी गई है। जबकि सौ कुंतल से अधिक बेचने पर एडीएम की रिपोर्ट मांगी जा रही है। रिपोर्ट के बाद ही किसान अपना गेहूं सरकारी केंद्र पर बेच सकते हैं। लेकिन, जिले में 645 किसान ऐसे हैं, जिनका खतौनी में नाम मिस मैच होने या सत्यापन न होने के कारण आवेदन लंबित हैं। एडीएम वित्त बी. राम ने कहा कि सभी लेखपालों को निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द सत्यापन कर रिपोर्ट लगाएं। यहां खतौनी में इतने नाम मिस मैच

जिले में 645 किसानों के नाम खतौनी में मिस मैच हैं। इसमें मैनपुरी तहसील में 172, करहल में 204, भोगांव में नौ, किशनी में 135, घिरोर में 94 और कुरावली में 31 शामिल हैं। बैंक खाता सत्यापन फंसा

राजस्व कर्मचारियों के पंचायत चुनाव में फंसने से 1039 किसानों के पीएफएमएस से बैंक खाता सत्यापन का काम अधर में हैं। ऐसे किसानों में मैनपुरी के 189, करहल के 197, भोगांव के 233, किशनी के 185, घिरोर के 146 और कुरावली के 89 किसान शामिल हैं। एसडीएम स्तर पर लंबित दौ सौ आवेदन

50 कुंतल से अधिक गेहूं बेचने पर लेखपाल के सत्यापन और उपजिलाधिकारी की रिपोर्ट मांगने की अनिवार्यता में दौ सौ किसान फंसे हैं। यह आवेदन एसडीएम स्तर पर लंबित हैं, जिनमें मैनपुरी में चार, करहल में 82, भोगांव में 16, किशनी में 46, घिरोर में 47 और कुरावली में पांच आवेदन हैं। लंबित आवेदनों के बारे में संबंधित एसडीएम को अवगत कराया है। खातों का सत्यापन संबंधित तहसीलों के राजस्व कर्मचारियों को करना है, इसके बारे में भी एडीएम की ओर से निर्देश दिए गए हैं।

उदित नारायन सिंह, डीएफएमओ।

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