डोंगल में14 करोड़, फिर भी शौचालय अधूरे

मैनपुरी : मनरेगा के डोंगल में 14 करोड़ रुपया पड़े हैं, लेकिन उसके बाद भी लोहिया के सपनों से खिलवाड़ की

By Edited By: Publish:Fri, 31 Oct 2014 06:30 PM (IST) Updated:Fri, 31 Oct 2014 06:30 PM (IST)
डोंगल में14 करोड़, फिर भी शौचालय अधूरे

मैनपुरी : मनरेगा के डोंगल में 14 करोड़ रुपया पड़े हैं, लेकिन उसके बाद भी लोहिया के सपनों से खिलवाड़ की जा रही है। लोहिया समग्र ग्राम्य विकास योजना में चयनित गांव में शौचालय नहीं बन पा रहे हैं। जिसका कारण खंड विकास अधिकारियों द्वारा धनराशि निर्गत ना करना बताया जा रहा है। 24 लोहिया गांव में 4500 शौचालय की धनराशि अभी भी डोंगल में उलझी है।

लोहिया समग्र ग्राम्य विकास योजना में वर्ष 2013-14 में चयनित 24 गांव में 4500 शौचालय बनाए जाने थे। जिस पर निर्मल भारत योजना से 4600 रुपये खर्च किए जाने थे। जबकि 5400 रुपये मनरेगा योजना से मजदूरी के रूप में खर्च करने का प्राविधान किया गया था। 900 रुपये लाभार्थी को अपने पास से खर्च करने थे। चयनित लोहिया गांव में अभी तक अधूरे पड़े शौचालय को पूरा करने में जुटा पंचायत राज विभाग के पसीने छूट रहे हैं। लेकिन खंड विकास अधिकारी, ग्राम स्तरीय अधिकारी संस्तुति के बाद भी धनराशि निर्गत नहीं कर रहे हैं।

लोहिया गांव में बनाए जा रहे शौचालय के निर्माण में विभाग द्वारा धनराशि जारी करने के बाद लाभार्थियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि मनरेगा से शौचालय के निर्माण में खर्च होने वाली धनराशि वह अपने पास से जमा कर दें। निर्माण कार्य पूरा होने पर भुगतान करा दिया जाएगा। जिन लाभार्थियों ने अपने पास से धनराशि लगाकर अपने शौचालय का निर्माण पूरा कर लिया है, उन लाभार्थियों का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस कारण लोहिया के सपनों के स्वच्छ गांव नहीं बन पा रहे हैं।

शौचालय के लाभार्थी रमेश चंद, ओमप्रकाश, शीशराम, जयसिंह, कामता प्रसाद, लेखराज, ममता देवी, सत्यवती, गीता, रामफेरी का कहना है कि मनरेगा की धनराशि न मिलने के कारण निर्माण सामग्री खरीदकर डाल दी है, जो बर्बाद हो रही है। उसके बाद भी मजदूरी के लिए मनरेगा की धनराशि खंड विकास अधिकारी द्वारा जारी नहीं की जा रही है।

सभी लोहिया गांवों में बनाए जाने वाले शौचालयों की प्रगति की रिपोर्ट मांगी गई है। जिन खंड विकास अधिकारियों द्वारा मनरेगा की धनराशि शौचालय के निर्माण के लिए निर्गत नहीं की गई है, उन्हें एक सप्ताह में धनराशि निर्गत करने के निर्देश दिए गए हैं। उसके बाद भी धनराशि नहीं दी जाती है तो संबंधित खंड विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

हरिश्चंद, मुख्य विकास अधिकारी, मैनपुरी।

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