बयान बदलवाने के लिए पुलिस ने पीडि़ता को कमरे में ले जाकर किया निर्वस्त्र

आरोपितों को बचाने के लिए कोतवाली पुलिस ने पीडि़त किशोरी की मां और भाई को अगवा कर बयान बदलवा दिए।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sun, 16 Dec 2018 07:12 PM (IST) Updated:Sun, 16 Dec 2018 07:16 PM (IST)
बयान बदलवाने के लिए पुलिस ने पीडि़ता को कमरे में ले जाकर किया निर्वस्त्र
बयान बदलवाने के लिए पुलिस ने पीडि़ता को कमरे में ले जाकर किया निर्वस्त्र

जेएनएन, महोबा। कैसे मिले इंसाफ जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं। आरोपितों को बचाने के लिए कोतवाली पुलिस ने पीडि़त किशोरी की मां और भाई को अगवा कर बयान बदलवा दिए। इतना ही नहीं कमरे में उसे निर्वस्त्र कर भी किया। पुलिस की शह पाकर बेखौफ आरोपितों फिर उसे छतरपुर ले गए और वहां सिगरेट से दागा। पीडि़ता ने डीआइजी झांसी को आपबीती बताई। इस पर किशोरी को महोबा लाया गया और फिर बाल कल्याण समिति बांदा भेजा गया है। महोबा पुलिस ने कार्रवाई के बजाय किशोरी के आरोपों को झूठ करार दे दिया। उल्लेखनीय है कि आज ही बलिया जिले में निर्भया के घर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने निर्भया के संघर्ष को नमन किया और बिटिया के साथ हुए अत्याचार को याद किया।

महिला ने किशोरी को तीन युवकों को सौंपा

कुछ माह पूर्व एक किशोरी से महोबा में किशोरी के साथ सामूहिक रूप से मुंह काला करने की घटना सामने आई थी। बांदा निवासी 16 वर्षीय किशोरी ने बताया था कि महोबा निवासी एक महिला से उसकी कानपुर में ब्यूटी पार्लर में काम करने के दौरान जान पहचान हो गई और उसने बेहतर काम दिलाने के बहाने महोबा बुलाया। यहां महिला ने अपनी एक सहयोगी की मदद से उसे तीन युवकों के हवाले कर दिया। पीडि़ता ने कोतवाली जाकर पुलिस को आपबीती बताई लेकिन न्याय दिलाने की बजाए आरोपितों को पुलिस ने संरक्षण दिया और उन्हें बचाने की कोशिश की गई।

डीआइजी सुभाष सिंह को आपबीती सुनाई

महोबा पुलिस ने नहीं सुनी तो किशोरी केंद्रीय मंत्री उमा भारती के झांसी आने की खबर सुन वहां पहुंची और उनके कार्यालय व आवास पर गई। इसके बाद उसने डीआइजी झांसी सुभाष सिंह को आपबीती सुनाई। किशोरी का आरोप है कि मामले की विवेचना कर रहे कोतवाली के एसएसआइ ने आरोपितों से मिलकर उसकी मां व भाई को उठवा लिया और धमकाकर उसके 164 के बयान बदलवाए गए। आरोप है कि एसएसआइ ने उसे कमरे में ले जाकर निर्वस्त्र भी किया। पुलिस का संरक्षण मिलने के बाद आरोपितों ने उसे फिर छतरपुर ले जाकर सिगरेट से शरीर को जलाया। मामला महोबा का होने के नाते  डीआइजी ने पुलिस सुरक्षा में किशोरी को महोबा भेजा और महिला पुलिस की सुपुर्दगी में सौंपा गया। उसके बयान दर्ज कर उसे बाल कल्याण समिति बांदा भेजा गया है।

 मामले को लेकर संबंधित पक्षों के बयान ''किशोरी आई थी और उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया था। झांसी में उसने अपने बयान दर्ज कराए है और वहीं पर शिकायत की है। - रचना राजपूत, एसएचओ महिला थाना।  ''पीडि़ता के बयान दर्ज किए हैं। उसने बताया कि आरोपितों ने उसे सिगरेट से जलाया था। वह अपनी मां के पास भेजने की बात कह रही थी। उसके बयान दर्ज कर बांदा बाल कल्याण समिति भेजा गया है क्योंकि किशोरी बांदा की निवासी है। - नीलम, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति महोबा।  ''किशोरी महोबा में उच्चाधिकारियों को बता सकती थी। छतरपुर में भी उसके साथ घटना हुई वहां भी पुलिस है वहां बता सकती थी। इतने दिनों बाद झांसी में यह आरोप लगाना संदेह पैदा करता है। फिर भी जांच कराई जा रही है। - जितेंद्र दुबे, सीओ सदर। किशोरी ने जिन लोगों पर आरोप लगाए थे, उन पर एक अक्टूबर को मुकदमा दर्ज हुआ था। उसकी विवेचना में मामला झूठा पाया गया। यह मामला भी पूरी तरह गलत है। - वंशराज यादव, एएसपी

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