नोट से अधिक महत्वपूर्ण है वोट, कीमत पहचानो: बाबू ¨सह कुशवाहा
जागरण संवाददाता महोबा: लोकतंत्र बचाओ संकल्प महारैली को चुनावी सभा करार देकर जन अधिकार
जागरण संवाददाता महोबा: लोकतंत्र बचाओ संकल्प महारैली को चुनावी सभा करार देकर जन अधिकार पार्टी के संस्थापक व पूर्व मंत्री बाबू ¨सह कुशवाहा ने मौजूद भीड़ को अपने वोट की कीमत पहचानने की नसीहत दी कहा कि वोट से ही राजा होता है। उन्होंने एक तरफ से भाजपा, सपा व बसपा पर हमला बोलते हुए अपनी बात रखी। पूरे भाषण में कांग्रेस का जिक्र किए बिना कुशवाहा गठबंधन की संभावना का संकेत भी दे गए।
डाकबंगला मैदान में आयोजित रैली में बाबू ¨सह कुशवाहा ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार डा. आंबेडकर के संविधान को बदलना चाहती है। सरकार बनने के बाद इनके अनुयायियों ने दिल्ली में संविधान की प्रतियां जलाई और मुर्दाबाद के नारे लगाए। उन्होंने कहा कि आधी अधूरी मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू कर हमें 27 की जगह मात्र 6 से 7 फीसद नौकरियों में आरक्षण दिया गया। मंदिर से सब ठीक होना होता तो गोरखनाथ पीठ छोड़ कर मुख्यमंत्री बनने की क्या जरूरत थी। उन्होंने जनता को सजग करते हुए कहा कि वोट से राजा होता है और राजा का नोट होता है। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है।
भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि जब चुनाव आया तो हर लघु सीमांत किसान के खाते में दो दो हजार रुपये भेजने की बात कही जा रही है। वोट देने के पहले पांच साल का हिसाब लो। सपा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इनकी सरकार में पिछड़ों का 27 फीसद आरक्षण अकेले खा गए। बसपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वहां नारा दिया गया है कि जिसकी जितनी थैली भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी। बीएसपी रास्ते से भटक गई है, हमारी सरकार बनेगी तो हम नहीं भटकेंगे। अंत में खुल कर कहा कि हम समान विचारों वाली पार्टी से समझौता कर सकते हैं।