गलत स्थान पर बनी टंकी, पेयजल संकट से जूझ रहा आधा गांव

संवाद सूत्र अजनर (महोबा) गांव में डेढ़ दशक पहले बनाई पेयजल टंकी अदूरदर्शिता का शिकार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 05:24 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 05:24 PM (IST)
गलत स्थान पर बनी टंकी, पेयजल संकट से जूझ रहा आधा गांव
गलत स्थान पर बनी टंकी, पेयजल संकट से जूझ रहा आधा गांव

संवाद सूत्र, अजनर (महोबा) : गांव में डेढ़ दशक पहले बनाई पेयजल टंकी अदूरदर्शिता का शिकार हो गई। टंकी एवं पंप हाउस निर्माण के लिए सही स्थान का चयन न होने से आधा गांव ऊंचाई पर हो गया और आधे को गांव को ही पानी मिल पा रहा है। समस्या देखकर कई बार जल निगम और जल संस्थान ने हल का प्रयास किया, लेकिन कोई रास्ता ही नहीं निकला। दूसरी तरफ बिजली की अनियमित कटौती और फाल्ट के चलते पाइप लाइन होने के बाद भी नियमित पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे में एक से डेढ़ किमी. पैदल चलकर स्थानीय लोग प्रतिदिन पेयजल ला रहे हैं। हाल यह है कि गर्मी आते ही 15 हजार की आबादी के सामने पेयजल संकट आ जाता है।

गांव में पेयजल समस्या दूर करने के लिए वर्ष 2006-07 में पाइप पेयजल परियोजना के तहत लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से ओवर हेड टैंक निर्माण के साथ गांव में जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाई गई। 2013-14 में बन कर पूरी हुई परियोजना गलत स्थल चयन और गुणवत्ता विहीन कार्य की वजह से टंकी निर्माण के साथ ही आधे गांव में पानी ही नहीं पहुंचा। तकनीकी विशेषज्ञों ने प्रेशर पंप से ऊंचाई पर पानी चढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन अधिक दबाव होते ही घटिया किस्म की पाइप लाइन फटने लगी और यह प्रयास भी बेकार गया। आपूर्ति चालू हुई और आधा गांव मुंह ताकता रह गया। बेबस ग्रामीणों ने गांव के नीचले क्षेत्र में लगे स्टैंड पोस्ट का सहारा लिया पर वह भी कुछ ही दिन चला सका। जगह-जगह लीकेज और बिजली कटौती के चलते उस क्षेत्र के भी लोग परेशान हैं। यहां इस टंकी का पानी पहुंचता है। परियोजना में टंकी भरने के लिए चार ट्यूबवेल लगाए गए थे जिनमें से दो ट्यूबवेल ही चालू हैं और दो बीचे चार माह से खराब पड़े हैं। 28 मई को आई आंधी के बाद उखड़े खंभे और तार अब तक ठीक नहीं हो सके। इससे पेयजल सप्लाई पूरी तरह बंद पड़ी है। कुल मिला कर यह पानी की टंकी गांव वालों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है। गांव में कुल 141 हैंडपंप लगे हैं जिनमें से 10 परी तरह ड्राई हो चुके हैं। बस्ती के बाहर स्थित देव स्थानों, नगर कोठी, खेत के रास्तों को मुख्य चौराहों पर लगे 14 हैंडपंप ठीक पानी देते हैं। गांव के अंदर लगे सभी हैंडपंपों से खारा पानी आने से पीने योग्य नहीं है। मजबूरी में लोगों को गांव के बाहर मीठा पानी देने वाले हैंडपंपों का सहारा लेना पड़ता है। टंकी निर्माण के लिए गलत स्थान का चयन और घटिया पाइप लाइन डाले जाने से निर्माण के बाद से ही आधे गांव में पानी नहीं पहुंचा। जहां पहुंच भी रहा है वहां बिजली कटौती से पानी नहीं मिल रहा है।

गौरीशंकर अनुरागी श्रीराम मोहल्ले में टंकी बनने के बाद मात्र छह माह तक पानी आया है। इसके बाद आज तक पानी नही पहुंच पा रहा है। इसका कारण पानी की टंकी निचले क्षेत्र में बनाया जाना व घटिया पाइपों का प्रयोग है।

महेंद्र कुमार त्रिपाठी जल निगम ने टंकी निर्माण कराया, वे खुद इसका सही संचालन नहीं कर पा रहे हैं और ग्राम सभा पर हैंडओवर करने का दबाव बना रहे हैं। पंचायत के पास तकनीकी कर्मचारी नहीं है। जब तक आपूर्ति व्यवस्था पूरी दुरुस्त करते हुए पूरे गांव में पानी पहुंचा कर नहीं दिखाया जाएगा तब तक ग्राम पंचायत परियोजना को हैंडओवर नहीं लेगी। जल निगम अधिकारियों ने सीडीओ के माध्यम से गांव की निधि रोकने की चेतावनी दिलाई, भले ही बजट रुके पर जब तक काम ठीक नहीं होगा हम हैंडओवर नहीं लेंगे।

सरोज द्विवेदी, प्रधान

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