भ्रष्टाचार पर लगाम का हथियार बन रहा सूचना का अधिकार

जागरण संवाददाता : पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के सिद्धांत पर काम करने वाला सूचना का अधिकार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Sep 2018 11:39 PM (IST) Updated:Sat, 29 Sep 2018 11:39 PM (IST)
भ्रष्टाचार पर लगाम का हथियार बन रहा सूचना का अधिकार
भ्रष्टाचार पर लगाम का हथियार बन रहा सूचना का अधिकार

जागरण संवाददाता : पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के सिद्धांत पर काम करने वाला सूचना का अधिकार भरतीय संविधान की आत्मा है। इसके सही क्रियान्वयन के बाद भ्रष्टाचार में कमी आई है। इसमें निजता का उल्लंघन रोकने की भी व्यवस्था की गई है।

यह बात राज्य सूचना आयुक्त अर¨वद ¨सह बिष्ट ने कलेक्ट्रेट सभागार में वार्ता के दौरान कही। इसके पूर्व जनपद के समस्त जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को नियमावली का प्रशिक्षण दिया गया। अर¨वद बिष्ट ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद से इन वर्षो में इसके माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों की समस्याओं का समाधान हुआ है। पहले लोगों को सूचनाएं लेने में दिक्कत आती थी। नियमावली 2015 के बाद सूचना का मानक तय हो जाने से की गयी अपीलों के निस्तारण में तेजी आई है। साथ ही वह गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारित हो रही हैं।

एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने स्वयं प्रदेश में लम्बित 27 हजार वादों का निस्तारण किया है। इसके बाद भी राज्य में महोबा के लगभग 70 वाद व चित्रकूट मंडल के लगभग 200 वाद विचाराधीन हैं। यह अधिनियम बहुत ही व्यापक एवं क्रान्तिकारी है। अधिनियम के लागू होने से साधारण व्यक्ति भी प्रभावशाली हो गया है। सरकारी काम में भ्रष्टाचार पर अंकुश का काम किया है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता व सुशासन सभी के लिए ठीक है किन्तु उसे लागू करने में कठिनाईयां होती हैं। जो विभाग सूचना देने में जानबूझकर विलम्ब करते है उन्हें दण्डित करने की भी अधिनियम में व्यवस्था है।

अरिवंद विष्ट ने बताया कि आरटीआइ अधिनियम सबसे पहले 1786 में स्वीडन में लागू किया गया। इसके 200 साल के बाद भी अन्य किसी देश ने इसे लागू नहीं किया। सूचना एक शक्ति है तथा इससे न्याय पाने में आसानी होती है। कार्यशाला में अधिकारियों ने प्रशिक्षण में व्यवहारिक रूप से आने वाली दिक्कतों पर सवाल पूछे जिनका रिसोर्स पर्सन डा. विपिन कुमार ने जवाब दिया। उन्होंने सभी से कहा कि अधिनियम को पढ़ लें और नियमावली के अनुसार ही सवालों के जवाब दें। यदि आवेदन मानक में ठीक नहीं है तो नियमावली का हवाला देते हुए उसे जवान देने का कारण स्पष्ट कर दें।

कार्यशाला व वार्ता में जिलाधिकारी सहदेव, अपर जिलाधिकारी पूनम निगम, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) महेन्द्र ¨सह, पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम ¨सह, मुख्य विकास अधिकारी हीरा ¨सह, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुमन, सूचनाधिकारी सतीश कुमार यादव सहित जनपद के सभी जनसूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी उपस्थित थे।

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