पानी में लेटे मरीज, नेतागीरी झाड़ते रहे विधायक-सांसद

जागरण संवाददाता महोबा जिला अस्पताल और महिला अस्पताल की आपातकालीन सेवा कक्ष से लेकर वाडो

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Jul 2020 11:19 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jul 2020 06:11 AM (IST)
पानी में लेटे मरीज, नेतागीरी झाड़ते रहे विधायक-सांसद
पानी में लेटे मरीज, नेतागीरी झाड़ते रहे विधायक-सांसद

जागरण संवाददाता, महोबा : जिला अस्पताल और महिला अस्पताल की आपातकालीन सेवा कक्ष से लेकर वार्डो और ऑपरेशन थियेटर तक बारिश का पानी घुटनों तक भरता रहा। इसी पानी में मरीज इलाज और उनके तीमारदार बाहर से दवाएं लाने, जैसे-तैसे पेट भरने को मजबूर हुए। मजबूर तो डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी थे, जिन्होंने इसी हाल में भरसक सेवाएं दीं। लेकिन, जनप्रतिनिधियों ने क्या किया? सिर्फ नेतागीरी? जिलेभर के मरीजों के इलाज के इकलौते आसरे के बावजूद न सांसद ने समस्या के निदान की कोई ठोस पहल की, न ही विधायकों ने। बस, चिट्ठी लिखी और चुप्पी मार ली।

नतीजा सामने है। तीन साल से जिला अस्पताल और महिला अस्पताल जरा-सी देर की बारिश में तालाब में तब्दील हो रहा है। मरीज इसी पानी के बीच बिस्तर पर लेटे रहते हैं। हर किसी को यह डर सताता है कि इलाज तो एक बीमारी का कराने आए हैं, दूसरी लेकर न लौट जाएं। खुद तीमारदार भी इससे खौफ खाते हैं कि कोरोना महामारी तो दहशत फैलाए ही है, कहीं दूसरी बीमारियां उन्हें लपेटे में न ले लें। डर तो डॉक्टर-फार्मासिस्ट और दूसरे स्टॉफ को सताता है। पर, पैंट घुटने तक चढ़ाए वे भरे पानी में इलाज करते रहते हैं। सत्ताधारी भाजपा के होते हुए दोनों विधायकों को भी मानों उन्हें जिला अस्पताल के जलभराव से कोई फर्क नहीं। तीन साल हो गए, अभी तक समस्या से निजात नहीं दिला सके।

दैनिक जागरण ने जनप्रतिनिधियों से सवाल किया तो विधायकों ने दलील दी कि प्रयास तो बहुत किए, पर सुनी नहीं गई। सदर विधायक राकेश गोस्वामी कहते हैं कि सड़क ऊंची होने और अस्पताल नीचे होने से दो साल से जलभराव हो रहा है। इसके लिए एडीओ और नगर पालिका से बात की थी। जरूरत हुई तो विधायक निधि से काम कराएंगे। सवाल यह है कि विधायक को इतनी बड़ी समस्या के निदान की जरूरत ही नहीं हुई? चरखारी विधायक बृजभूषण सिंह राजपूत दो कदम और आगे निकल गए। बोले, जिला अस्पताल क्या, पूरे जिले की पीएचसी और सीएचसी में स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं। इस पर हुआ क्या? यह सवाल आते ही वह चुप्पी साध लेते हैं। एक सुझाव जरूर देते हैं कि चरखारी कस्बे की जलनिकासी के मॉडल पर काम होना चाहिए। हमीरपुर-महोबा सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल जिला अस्पताल के तालाब में तब्दील होने का सवाल आते ही अफसरों से जानकारी लेने की बात करते हैं। क्या सांसद को अपने ही जिले के अस्पताल के इस हाल की खबर नहीं? वे सवाल का रुख मोड़ते हुए दलील देते हैं कि सांसद निधि से इमरजेंसी वार्ड की मरम्मत के लिए 30 लाख रुपये दिए थे। यह पत्र भी दिया था कि सीएमओ यह निधि कहीं भी खर्च कर सकते हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह सेंगर मानते हैं कि समस्या सुलझाने में देरी हुई है। इसे पहले दूर करा लेना था।

--- जनता का दर्द

जिला अस्पताल में बारिश का पानी भरने की समस्या नई नहीं है। जनप्रतिनिधि सिर्फ दूर बैठकर तमाशा देख रहे हैं। ठोस कदम नहीं उठा रहे। उनसे पूछो जो यहां आकर इलाज कराते हैं।

देवेंद्र राजपूत, सभासद सुभाष नगर नालों की सफाई का दावा सही है तो बारिश का पानी भर क्यों रहा है? गंदा पानी वार्डों में भरने से कोई और बीमारी हो गई तो कौन जिम्मेदार होगा? इसका समाधान जल्द करना होगा।

संतोष प्रजापति, सभासद भटीपुरा अस्पतालों में बारिश का पानी कई साल से भर रहा है, लेकिन जल निकासी के इंतजाम तो तब हों, जब कोई ध्यान दे। जलभराव से अस्पताल के बाहर के दुकानदार तक त्रस्त हैं।

रामजी गुप्ता, व्यापारी नेता जिला चिकित्सालय में बारिश का पानी भरने से मरीजों व तीमारदारों को क्या कुछ नहीं झेलना पड़ता। इससे उनके और होने का भी खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन को तुरंत समाधान कराना चाहिए।

केसी खरे, समाजसेवी

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