सब्जी की खेती को गरीबी से लड़ने का बनाया हथियार

निचलौल के ब्लाक सिसवा के ग्राम सेमरी निवासी किसान रामकेवल चौहान पर जब घर की जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ा और तंगहाली खड़ी हुई तो सब्जी की खेती को गरीबी से लड़ने का हथियार बनाया। एक एकड़ पुश्तैनी भूमि पर शुरू की गई सब्जी की खेती से जब मुनाफा हुआ तो दो एकड़ और भूमि किराये पर लेकर सब्जी उगानी शुरू कर दी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 12:41 AM (IST) Updated:Sat, 09 Jan 2021 12:41 AM (IST)
सब्जी की खेती को गरीबी से लड़ने का बनाया हथियार
सब्जी की खेती को गरीबी से लड़ने का बनाया हथियार

महराजगंज: नेपाल के समीपवर्ती तहसील निचलौल के ब्लाक सिसवा के ग्राम सेमरी निवासी किसान रामकेवल चौहान पर जब घर की जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ा और तंगहाली खड़ी हुई तो सब्जी की खेती को गरीबी से लड़ने का हथियार बनाया। एक एकड़ पुश्तैनी भूमि पर शुरू की गई सब्जी की खेती से जब मुनाफा हुआ तो दो एकड़ और भूमि किराये पर लेकर सब्जी उगानी शुरू कर दी। इससे उन्हें साल में डेढ़ लाख रुपये की आय हो जाती है।

किसान रामकेवल कुछ कर गुजरने के उद्देश्य से नौकरी की तलाश करने 2006 में गुजरात चले गए। वहां मन नहीं लगा तो एक साल बाद घर आ गए। पिता की पुश्तैनी खेती को ही अपना रोजगार बना लिया। 2010 में लगभग दो एकड़ भूमि किराये पर लेकर सब्जी की खेती को व्यावसायिक रूप दिया और आज खुशहाल हैं। खेती की बदौलत ही परिवार के भरण-पोषण कर रहे हैं, बच्चों को कान्वेंट स्कूलों में बेहतर शिक्षा भी दिला रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले तो अंदाज पर ही खेती करता था, किन्तु जब वैज्ञानिक विधि से सब्जी की खेती करना शुरू की तो अच्छी आमदनी शुरू हो गई। इसी क्रम में दोस्तों से जानकारी मिलने के बाद मृदा परीक्षण करा कर खेती करने लगा तो सब्जी का उत्पादन दो गुना बढ़ गया। बाजार में आने के बाद उनकी सब्जियां हाथों-हाथ बिक जाती हैं।

इन सब्जियों की कर रहे खेती

रामकेवल मौसम के अनुसार गोभी, पालक, बंद गोभी, मटर, सागा प्याज एवं भिडी, टमाटर, लौकी, बैगन आदि की खेती करते है। इनके सब्जी की मांग सिसवा की मंडी में बहुत है। वहां उनकी सब्जी को खुदरा व्यापारी हाथों हाथ खरीद लेते हैं।

सास-बहू की समझदारी से ही घर में आएगी खुशहाली

मोहनापुर में शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्र भवन का उद्घाटन डा.दिवाकर राय ने फीता काटकर किया। इस दौरान सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी माताओं को दी गई। परिवार नियोजन की विधियों को अपनाकर दो बच्चों के बीच में तीन वर्ष का अंतर रखना, विवाह के दो वर्ष बाद ही मां बनने के लिए प्रेरित किया गया और संपूर्ण टीकाकरण पर बल दिया गया। वहीं प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए परिवार नियोजन की विधियों को अपनाने वाली सास बहू को सम्मानित भी किया गया। लक्ष्मीपुर सीएचसी अधीक्षक डा. दिवाकर राय ने कहा कि सास-बहू की समझदारी व आपसी सामंजस्य से घर की खुशहाली के साथ- साथ समाज को नई दिशा व गति मिलेगी। इस मौके पर पूर्व ग्रामप्रधान मो. सुबराती, रीता देवी मंजू त्रिपाठी, विजय लक्ष्मी, सरोज जायसवाल, मंजू विश्वकर्मा, सुगंधा सिंह, सुषमा, प्रेमशीला, आशा सुभावती, प्रमिला, किरन चौधरी, राज कुमारी, विमला चौहान, प्रधानाध्यापक मोहित कुमार यादव, मोहन सिंह, विपिन बिहारी, देवेंद्र पाठक, चंद्र कुमार, कैसर जहां आदि मौजूद रहे।

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