धन के इंतजार में लटका ट्रामा सेंटर

महराजगंज जिले की चिकित्सकीय व्यवस्था फिलहाल बहुत अच्छी नहीं है। घायल होने वाले मरीजों को

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 11:59 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 11:59 PM (IST)
धन के इंतजार में लटका ट्रामा सेंटर
धन के इंतजार में लटका ट्रामा सेंटर

महराजगंज: जिले की चिकित्सकीय व्यवस्था फिलहाल बहुत अच्छी नहीं है। घायल होने वाले मरीजों को व्यापक आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए यहां ट्रामा सेंटर भी नहीं है। एक वर्ष से धन के इंतजार में इसका निर्माण कार्य लटका है। जिसके कारण घायल मरीज जिला अस्पताल में पहुंचते हैं और व्यवस्था के अभाव में उन्हें रेफर कर दिया जाता है।

जिला संयुक्त चिकित्सालय परिसर में जनवरी 2020 में ट्रामा सेंटर के निर्माण के लिए शासन द्वारा हरी झंडी दी गई। निर्माण की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था उप्र. राज्य निर्माण सहकारी संघ को सौंपी गई। चार हजार स्क्वायर फीट में बनने वाले ट्रामा सेंटर पर एक करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमानित बजट है, लेकिन अभी तक यह धनराशि स्वीकृत नहीं हो सकी। जिसके कारण इसके भवन निर्माण का श्रीगणेश भी नहीं हो सका।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय ने बताया कि शासन द्वारा निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था नामित किया गया है, लेकिन ट्रामा सेंटर का बजट अभी तक नहीं आया है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।

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क्या है ट्रामा सेंटर

महराजगंज: ट्रामा सेंटर एक ऐसा वार्ड होता है, जो घायल मरीजों को व्यापक आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है। अधिकतर लोगों के साथ बस, ट्रक, कार, जीप, मोटर साइकिल आदि वाहन दुर्घटनाएं हो जाती हैं, जिससे वह बहुत गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। शरीर में और भी कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं, जिससे लोग ग्रसित हो जाते हैं। इन घायलों के लिए ट्रामा सेंटर बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराता है।

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आधुनिक उपकरण से सुसज्जित होते हैं ट्रामा सेंटर

- ट्रामा सेंटर में सर्जन, एनस्थेटिक, आर्थोपेडिक, सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, ईएमओ आदि डाक्टरों की तैनाती होती है। विशेषज्ञ भी रखें जाते हैं। ताकि दो शिफ्टों में ट्रामा सेंटर चलाया जा सके। स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय, फार्मासिस्ट आदि भी होते हैं। इसके अलावा ट्रामा सेंटर आधुनिक चिकित्सकीय उपकरण से सुसज्जित होते हैं। इसमें वेंटिलेटर, कलर एक्सरे, डिजिटल अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, और आइसीयू की भी व्यवस्था होती है। ताकि मरीजों को पूरी इलाज की व्यवस्था यहीं पर मिल जाए, उन्हें रेफर करने की जरूरत न पड़े।

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